भारत और साउथ अफ्रीका के बीच हुए मैच के शुरू से ही भारतीय खिलाड़ी हावी रहे। भारतीय खिलाड़ी मनदीप कुछ ज्यादा ही उत्साहित दिख रहे थे। लोगों की नजर 11 नंबर की जर्सी पर जमी थी। बॉल उसकी स्टिक के आस-पास ही दिख रही थी। खेल में अभी दस मिनट भी नहीं हुए थे कि मनदीप ने मौका नहीं चूका और गोल दाग दिया।
हालांकि साउथ अफ्रीका गोलकीपर ने पहले बॉल को रोक लिया पर जैसे ही बॉल स्ट्राइकर मनदीप के पास फिर आई तो उसने बिना मौका गंवाएं गोल मार दिया। भारत 1-0 से आगे हो गया। अभी दो मिनट भी नहीं हुए थे कि आकाशदीप सिंह ने बिना मौका गंवाए एक गोल ठोंक दिया। भारतीय टीम 2-0 से आगे हो गयी।
इस गोल के बाद खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ता ही गया। तीसरे गोल का अवसर भारत को 43वें मिनट में मिला। हालांकि साउथ अफ्रीका को अटैक के मौके मिले पर भारतीय खिलाड़ियों की चतुरायी के चलते उनकी एक न चली। पहले हाफ ब्रेक तक भारत 2-0 से आगे था। हालांकि 17वें और 19वें मिनट में भारत को मौका मिला गोल मारने का पर साउथ अफ्रीका के डिफेंडर के अलर्ट रहने के कारण गोल में ये मौके परिवर्तित नहीं किये जा सके। फिर 24वें मिनट पर भारतीय डिफेंडर की गलती से साउथ अफ्रीका को लांग कार्नर का अवसर मिला पर वो सफल नहीं हो पाया। फिर 43वें मिनट में सिमरन जीत सिंह ने गोल मारकर को 3-0 की बढ़त दिलायी। 45वें मिनट में ललित उपाध्याय गोल मारकर बढ़त 4-0 तक पहुंचा दिया और इसके एक मिनट बाद 46 मिनट में सिमरनजीत ने फिर एक गोल मारकर स्कोर 5-0 तक बढ़़ा दिया। जीत का जश्न फील्ड और फील्ड के बाहर शुरू हो गया। इस विश्वकप की यह पहली जीत थी।