ओडिशा के रहने वाले अंशुमान रथ संभाल रहे है हांगकांग क्रिकेट टीम की कमान

Prateek Saini | Publish: Sep, 16 2018 07:11:30 PM (IST) Bhubaneswar, Odisha, India
इतने लंबे समय से अपनी धरती से दूर रहने के बाद भी अंशुमान यहां की मिट्टी की खूशबू को भूल नहीं पाएं हैं...
(पत्रिका ब्यूरो,भुवनेश्वर): छोटे धोनी कहे जाते हैं अपने मुल्क में। ओडिशा मूल के इस आक्रामक बल्लेबाज का नाम हैं अंशुमान रथ। पारी की शुरुआत करने अंशुमान रथ ही आते हैं। क्वालीफाइंग मैच जीतकर एशिया कप में खेलने पहुंची हांगकांग की टीम के कैप्टन अंशुमान रथ जब मुकाबले में पाकिस्तान की टीम के कैप्टन के साथ टॉस करने पहुंचे, तो ओडिशा के खेल प्रेमियों ने टीवी सेट ऑन कर दिए थे। टॉस जीतकर हांगकांग की ओर से बाएं हाथ के बल्लेबाज अंशुमान रथ पारी की शुरुआत करने उतरे, तो ओडिशावासी ने टीवी पर तालियों के साथ उनका स्वागत किया। हालांकि 19 रन पर उन्हें विकेट के पीछे लपक लिया गया, पर कुछ शानदार स्ट्रोक खेलकर रथ ने जता दिया कि वह किसी भी बॉलर को अच्छे से खेल सकते हैं।
अंशुमान रथ के पिता भवानी शंकर रथ और माता सुजाता देवी रथ 30 साल पहले ओडिशा छोड़कर हांगकांग में बस गए थे। पर उनके कई नाते रिश्तेदार ओडिशा में ही हैं। अंशुमान रथ ने 2014 में में वन डे खेलना शुरू किया था। वह इंग्लैंड में मिडिलसेक्स टीम से खेलते हैं। उनकी परफार्मेंस पर 2016 में उन्हें हांगकांग टीम का उपकप्तान बनाया गया। स्पोर्ट्स की विस्डन मैगजीन ने बेस्ट 20 बल्लेबाजों में इन्हें शुमार किया है। अंशुमान अब तक 20 टी-20 मैच खेलकर 736 रन बना चुके हैं। वह बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज भी हैं। अब तक 19 विकेट ले चुके हैं। बताते हैं कि वह अभी भी फर्राटेदार ओड़िया बोलते हैं। वह अभी भी रिश्तेदारों से मिलने जब तब ओडिशा आते हैं। सचिन तेंदुलकर से प्रभावित होकर उन्होंने क्रिकेट शुरू किया था।
आज भी याद है मिट्टी की खूशबू
इतने लंबे समय से अपनी धरती से दूर रहने के बाद भी अंशुमान यहां की मिट्टी की खूशबू को भूल नहीं पाएं हैं। आज भी ओडिशा की संस्कृति और ओडिया से उनका उतना ही लगाव है। बताते हैं कि वह अभी भी फर्राटेदार ओड़िया बोलते हैं। वह अभी भी रिश्तेदारों से मिलने जब तब ओडिशा आते हैं। सचिन तेंदुलकर से प्रभावित होकर उन्होंने क्रिकेट शुरू किया था।
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