अंशुमान रथ के पिता भवानी शंकर रथ और माता सुजाता देवी रथ 30 साल पहले ओडिशा छोड़कर हांगकांग में बस गए थे। पर उनके कई नाते रिश्तेदार ओडिशा में ही हैं। अंशुमान रथ ने 2014 में में वन डे खेलना शुरू किया था। वह इंग्लैंड में मिडिलसेक्स टीम से खेलते हैं। उनकी परफार्मेंस पर 2016 में उन्हें हांगकांग टीम का उपकप्तान बनाया गया। स्पोर्ट्स की विस्डन मैगजीन ने बेस्ट 20 बल्लेबाजों में इन्हें शुमार किया है। अंशुमान अब तक 20 टी-20 मैच खेलकर 736 रन बना चुके हैं। वह बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज भी हैं। अब तक 19 विकेट ले चुके हैं। बताते हैं कि वह अभी भी फर्राटेदार ओड़िया बोलते हैं। वह अभी भी रिश्तेदारों से मिलने जब तब ओडिशा आते हैं। सचिन तेंदुलकर से प्रभावित होकर उन्होंने क्रिकेट शुरू किया था।
आज भी याद है मिट्टी की खूशबू
इतने लंबे समय से अपनी धरती से दूर रहने के बाद भी अंशुमान यहां की मिट्टी की खूशबू को भूल नहीं पाएं हैं। आज भी ओडिशा की संस्कृति और ओडिया से उनका उतना ही लगाव है। बताते हैं कि वह अभी भी फर्राटेदार ओड़िया बोलते हैं। वह अभी भी रिश्तेदारों से मिलने जब तब ओडिशा आते हैं। सचिन तेंदुलकर से प्रभावित होकर उन्होंने क्रिकेट शुरू किया था।