गिरफ्तारी के बाद निलंबित किया
उपाध्याय उद्यान विभाग में निदेशक पद पर थे। गिरफ्तारी के बाद ही उन्हें निलंबित कर दिया गया था। नवीन सरकार का मो सरकार अभियान में भ्रष्टाचार के विरुद्ध खुली जंग चल रही है। यह कार्य उनके विशेष सचिव वीके पांडियन की देखरेख में चल रहा है। विभिन्न विभागों के छोटे-बड़े मिलाकर 14 अधिकारियों पर निलंबन की गाज गिर चुकी है।
घूस लेने का आरोप
विजय उपाध्याय पर एक लाख की घूस लेने का आरोप लगा था। सोमवार को विजिलेंस ने उनकी गिरफ्तारी की थी। उन्हे स्पेशल विजिलेंस कोर्ट में पेश किया गया था। विजिलेंस ने इस अधिकारी को छह दिन की रिमांड पर लिया है। बताते हैं कि 2009 बैच के आईएएस विजयकेतन उपाध्याय सिविल सेवा की परीक्षा में देश में पांचवीं रैंक पर आए उपाध्याय की शिकायतें तृतीय तल में खासी संख्या में थी।
लाखों नकद व खाते मिले
हालांकि उपाध्याय इसे षडय़ंत्र बताते हैं। उनका कहना है कि उन्होंने घूस नहीं ली है बल्कि वह तो पहले विभागीय भ्रष्टाचार की बात समय समय पर उजागर करते रहे हैं। उन्हें कुछ ऊंचे अफसर षडय़ंत्र का शिकार बना रहे हैं। विजिलेंस का कहना है कि उपाध्याय के घर से 11.78 लाख रुपया सीज किया गया है। उनके मोबाइल फोन्स, पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क, लैपटाप और डायरीज भी जब्त कर ली गयी हैं। जांच जारी है। इसके अलावा एसआरएम प्लास्टोकेम प्रा.लि. की फाइल भी उद्यान निदेशालय से ले ली गई है। विजिलेंस के अनुसार स्टेट फोरेंसिक लैब जांच पड़ताल कर रही है। इसके अनुसार यस बैंक बापूजी नगर में इस अधिकारी के चार एकाउंट पाए गए हैं।
यह जंग सराहनीय है
उधर बीजेडी छोड़कर बीजेपी में गए और फिर बीजेपी से भी इस्तीफा दे चुके ओडिशा के वरिष्ठ नेता दामोदर राउत ने कहा कि सिंचाई मंत्री रहने के दौरान उन्होंने उद्यान निदेशालय में भ्रष्टाचार की शिकायत मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से की थी। भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग सराहनीय काम है।