क्या कहती है रिपोर्ट…
आईआईटी की रिपोर्ट के मुताबिक जिस दर से ओडिशा में कोविड 19 के मामले बढ़ रहे हैं उसी के हिसाब से 24 मई तक 813 कोरोना पॉजिटिव मामले बढ़ सकते हैं। रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि एक जिले से दूसरे जिले में स्वतंत्र आवाजाही पर नियंत्रण करना होगा। यदि जिलों में आवाजाही न रूकी तो यह संख्या 1121 पहुंच सकती है। आईआईटी दिल्ली ने पहले भी भविष्यवाणी की थी कि अप्रैल 16 तक ओडिशा में 40 पॉजिटिव पाए जाएंगे पर यह संख्या 61 हो गयी थी। कोविड-19 पॉजिटिव का ताजा आंकड़ा 163 पहुंच गया है। प्रवासी श्रमिकों के आने से मुश्किलें और बढ़ेंगी। राज्य में बीते 15 दिनों में 2.9 गुना बढ़ा है।
प्रवासी श्रमिकों ने बढ़ाई मुसीबत…
प्रवासी श्रमिकों की वापसी और क्वारेंटाइन होम में 14 दिन बिताने के नियमों का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन करके भागने की घटनाओं से कोरोना पॉजिटिव मामले बढ़ सकते हैं। रविवार को ही सूरत से गंजाम लौटे दो लोग पॉजिटिव पाए गए। एक जानकारी के अनुसार अब तक पांच लाख से ऊपर प्रवासी श्रमिकों ने राज्य सरकार के पोर्टल में रजिस्ट्रेशन करा लिया है। इनके लिए करीब सात हजार पंचायतों में क्वारेंटाइन होम बनाए गए हैं। राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक प्रवासियों को सकुशल भेजने के लिए अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बराबर बातचीत कर रहे हैं। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग कर चुके हैं।
क्वारेंटाइन सेंटर से भाग रहे लोग…
दूसरी तरफ गंजाम जिले में पंचायत स्तर पर क्वारेंटाइन सेंटर में रखे गए 241 प्रवासी श्रमिक अपने गांवों को भाग गए। मुख्यसचिव को मीडिया बुलाकर कहना पड़ा कि ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इन भगोड़ों की वापसी में गांव वालों ने महती भूमिका निभायी है जिसके चलते 220 लोगों को लौटकर फिर क्वारंटाइन होम आना पड़ा। गांव वालों का कहना है कि बिना क्वारंटाइन अवधि पूरा किए प्रवासियों को गांवों में घुसने नहीं दिया। ऐसी घटनाओं से राज्य में कोरोना से सुरक्षा को लेकर खतरा उत्पन्न हो गया है। सरकार ने सरपंचों को जिलाधिकारी के अधिकार तो प्रतिनिधानित कर दिए हैं पर क्वारंटाइन होम में सुरक्षा काफी लचर होने के कारण लोग घरों को भाग रहे हैं। प्रवासियों के आने का सिलसिला तेज हो चला है। संख्या बढ़ने पर उन्हें क्वारंटाइन के लिए रोके रहना एक चुनौती भरा कार्य है।