scriptटोटके के चक्‍कर में 16 माह के बच्चे को गर्म छड़ से दागा, हालत गंभीर | Inhuman behavior with the child in Superstition | Patrika News

टोटके के चक्‍कर में 16 माह के बच्चे को गर्म छड़ से दागा, हालत गंभीर

locationभुवनेश्वरPublished: Aug 01, 2018 07:17:43 pm

Submitted by:

Prateek

इस क्षेत्र के लोग मानते हैं कि टोटके से शर्तिया इलाज हो जाता है…

photos from odisha

photos from odisha

(भुवनेश्वर): ओडिशा के नवरंगपुर जिले में अंधविश्‍वास के चलते परिजनों ने 16 महीने के बच्चे को तेज बुखार से निजात दिलाने के लिए उसके लोहे की गर्म छड़ से दाग दिया। गंभीर हालत में बच्‍चे को जिला अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। परिजनों को विश्‍वास था कि गर्म छड़ से दागने के टोटके से तेज बुखार से पीड़ित बच्‍चे से बुरा साय उठ जाएगा और वह स्‍वस्‍थ हो जाएगा।


यह घटना नंदहांडी ब्लाक के निशिनहंडी गांव की है। दामू भातृ के 16 महीने के बेटे का तेज बुखार नहीं उतर रहा था। उसे एक झोलाछाप डाक्टर के पास ले गए जिसने दवाई दी लेकिन बच्‍चे का बुखार नहीं उतरा। तो उसके चाचा, चाची और दादी मां ने उसे लोहे की गर्म छड़ से शरीर के कई हिस्सों में दाग दिया। बच्चे की हालत गंभीर होने पर उसे जिला अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल के डाक्टर के अनुसार उसकी हालत सुधार हो रहा है।


इस क्षेत्र के लोग मानते हैं कि टोटके से शर्तिया इलाज हो जाता है। यदि कोई बच्चा ठीक हो गया तो उन्हें लगता है कि टोटके के कारण ठीक हुआ। यह कोई नई घटना नहीं है। इस अंधविश्वास का सबसे अधिक शिकार क्योंझर जिला है। इसके बाद नवरंगपुर का नंबर आता है। पिछड़ेपन के कारण बाकी जिलों में भी छिटपुट घटनाएं होती रहती हैं। हालत खराब होने पर इन बच्चों को अस्पताल ले जाया जाता है। कई बार बच्चों की मौत भी हो जाती है।

 

जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही सन्नो

इधर बिहार के मुंगेर में एक तीन साल की बच्ची की जान मुसीबत में फंसी है। दरअसल तीन वर्षीय सन्नो अपने माता पिता के साथ मुंगेर स्थित अपने ननिहाल आई थी। मंगलवार शाम खेलने दौरान सन्नो 225 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई थी। पीड़िता 45 फीट की गहराई पर जाकर अटक गई। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें बच्ची को बचाने में जुटी हुई है। गहराई में फंसी बच्ची अंदर रहकर मौत से लडाई लड़ रही है वहीं बचाव दल बाहर बच्ची को बचाने की जद्दोजहद में लगे है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो