भुवनेश्वर

सिम विक्रेता रहे ओडिशा के रीतेश ने खड़ी की 32 हजार करोड़ की कंपनी

कंपनी के संस्थापक सीईओ 24 साल के रीतेश अग्रवाल का कहना है कि मेहनत लगन और लक्ष्य सही है, तो कामयाबी मिलती है…

भुवनेश्वरSep 28, 2018 / 03:15 pm

Prateek

रीतेश अग्रवाल

(पत्रिका ब्यूरो,भुवनेश्वर): फोर्ब्स इंडिया ने टायकूंस ऑफ टुमारो की सूची जारी कर दी है। इसमें ओडिशा के रायगढ़ जिले के बिस्समकटक नामक गांव के रीतेश अग्रवाल का नाम भी आ गया। रीतेश ऑयो रूम्स कंपनी के संस्थापक हैं। उनकी कंपनी 32,697 करोड़ की है। किसी जमाने में सिम बेच कर अपना खर्च निकालने वाले ओडिशा के इस युवक ने कामयाबी की जो इबारत गढ़ी है, वह किसी के लिए भी प्रेरणास्पद हो सकती है। रीतेश अग्रवाल का नाम हुरुन रिसर्च कंपनी चीन द्वारा जारी अमीरों की सूची में भी है। होटल चेन ऑयो ने चीन में भी अपनी सर्विस शुरू कर दी है।


कंपनी के संस्थापक सीईओ 24 साल के रीतेश अग्रवाल का कहना है कि मेहनत लगन और लक्ष्य सही है, तो कामयाबी मिलती है। दावा है कि 2023 तक ऑयो कंपनी अपने क्षेत्र में वर्ल्ड टॉप होगी। रीतेश देश के पहले युवा उद्यमी हैं, जिन्होंने इतनी कम उम्र में कंपनी खड़ी कर दी है। अब वह चीन में भी कंपनी का डंका बजा रहे हैं। यह कंपनी दस महीने में ही चीन के 50 शहरों में 50 हजार कमरे संचालित कर रही है। बुकिंग 65 प्रतिशत तक पहुंच गई है।

 

इस तरह शुरू हुई रितेश की सफलता यात्रा

रीतेश के माता-पिता चाहते थे कि वह आईआईटी में प्रवेश ले और इंजीनियर बने। रितेश भी कोटा (राजस्थान) में रहकर आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी में जुट गया। कहते हैं कि यहीं पर उसने कुछ समय के लिए सिम भी बेचीं। बाद में उसने दिल्ली के इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस एंड फाइनेंस में प्रवेश लिया, लेकिन कंपनी शुरू करने के लिए कोर्स बीच में ही छोड़ दिया। ऑयो कंपनी की रोचक कथा कुछ ऐसी है, 17 साल में इंजीनियरिंग छोड़कर रितेश अग्रवाल ने कंपनी शुरू कर दी और बिना मदद के इस मुकाम पर लाकर ला खड़ा किया। इसकी वैल्युएशन भारतीय मुद्रा में 32,697 करोड़ है। ओडिशा के बिस्समकटक गांव में जन्मे रीतेश फर्राटेदार ओडिया बोलते हैं। उनकी स्कूली शिक्षा रायगढ़ा के सेक्रेड हार्ट स्कूल में हुई। घुमक्कड़ी मिजाज के रीतेश छोटी उम्र से ही बिल गेट्स, स्टीव जॉब्स और मार्क जुकरबर्ग से बहुत प्रेरित रहे हैं। यही नहीं वह अनिल अग्रवाल को अपना आदर्श मानते हैं। अनिल वेदांता के मालिक हैं।

 

आईआईटियन बनना चाहते थे…

रीतेश आईआईटी एंट्रेस क्वालीफाई करके अपनी सीट पक्की चाहते थे, पर सफल नहीं हुए। उन्होंने फिर युनिवर्सिटी ऑफ लंदन में दाखिला ले लिया। वह कहते हैं कि सिर्फ दो दिन ही लंदन युनिवर्सिटी के दिल्ली कैम्पस गए। मातापिता की मर्जी के खिलाफ यह कदम था। बाद में उनका बिजनेस आइडिया क्लिक कर गया। रीतेश को बिजनेस आइडिया 2009 में देहरादून व मंसूरी दौरे के दौरान आया। उन्हें पता था ऐसी खूबसूरत जगहें पूरे विश्व में हैं। उसने ऑनलाइन सोशल कम्युनिटी बनाने की सोची, जहां पर एक ही प्लेटफार्म पर प्रापर्टी के मालिकों और सर्विस प्रोवाइडरों की सहायता से पर्यटकों को बेड एंड ब्रेकफास्ट के साथ किफायती सुविधा उपलब्ध कराई जा सकें। फिर क्या था, शुरू हो गई कंपनी। गुड़गांव के मनीष सिन्हा निवेश करके सह-संस्थापक बन गए। 2012 से कंपनी को आर्थिक मजबूती मिली, जब देश के पहले एंजल आधारित स्टार्ट-अप एक्सलेरेटर वेंचर नर्सरी एंजल से बुनियादी पूंजी प्राप्त हुई।

Home / Bhubaneswar / सिम विक्रेता रहे ओडिशा के रीतेश ने खड़ी की 32 हजार करोड़ की कंपनी

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.