झावेरी राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश थे। बीते हफ्ते न्यायमूर्ति विनीत शरण के सुप्रीमकोर्ट के न्यायाधीश होने के कारण यह पद रिक्त था। ओडिशा के मुख्य न्यायाधीश झावेरी ने पदभार ग्रहण करने से एक दिन पहले यानी शनिवार को जगन्नाथधाम पुरी जाकर महाप्रभु जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और बलभद्र के दर्शन किए। दर्शन के बाद श्रीमंदिर प्रसासन और प्रबंधन समिति की ओर से उन्हें महाप्रभु का चित्र भेंट स्वरूप दिया गया।
संक्षिप्त परिचय
नामः न्यायमूर्ति कल्पेश सत्येंद्र झावेरी।
जन्मः 5 जनवरी 1958
शिक्षाः बीएससी एलएलबी।
डेट ऑफ एनरोलमेंटः 20 जनवरी 1983
डेट ऑफ एलीवेशनः 7 मार्च 2004
राजस्थान हाईकोर्ट में जज पद पर तैनातीः 24.अगस्त .2016
1983 में गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन की कार्यकारिणी समिति के सदस्य मनोनीत हुए। सन 1984 संयुक्त सचिव चुने गए। गुजरात हाईकोर्ट रजत जयंती वर्ष 1984 समारोह में सचिव पद पर रहे। गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के तीन वर्ष के लिए 1988 से 1990 तक सचिव चुने गए। अगस्त 1999 तक एडवोकेट्स की लॉ लायब्रेरी के सचिव रहे और रिफरेंस लायब्रेरी स्थापित की। जीएसआरटीसी, एएससी, एफसीआई जैसी संस्थाओं के मामलों में वकीलों के पैनल में रहे। गुजरात के कई आर्बीट्रेशन ट्रिब्यूनल में महत्वपूर्ण भूमिका में रहे। सन 1981 से 1997 तक भारत स्काउट गाइड्स जैसी संस्थाओं में प्रतिष्ठित पदों पर रहे। सन 2002 से फरवरी 2004 तक स्टेट कमिश्नर स्काउट रहे। दादा कालिदास झावेरी महात्मा गांधी के निकट और प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी रहे। पिता सत्येंद्र झावेरी पेशे से वकील थे तथा गुजरात बार काउंसिल के पहले निर्वाचित सदस्य रहे है। सात मार्च 2004 में गुजरात हाईकोर्ट में जज नियुक्त हुए और 22 जून 205 को स्थाई जज हुए। गुजरात हाईकोर्ट लीगल एड कमेटी तथा ज्यूडिशियल अकादमी के चेयरमैन रहे। आईटी कमेटी के कार्यवाहक चेयरमैन भी रहे।