6 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगेंगे
रिपोर्ट के अनुसार कि प्रदूषण की मुख्य वजह गंगुआ नाला है जिसका भारी प्रवाह दयानदी को प्रदूषित करता है। विभागीय सूत्रों ने बताया कि मंत्री महेश्वर महंति की अध्यक्षता में बैठक में तय हुआ था कि नदी के किनारे 6 सीवेज वाटर स्थापित किए जाएंगे जो गंदे पानी को ट्रीटमेंट प्लांट तक ले जाएंगे। इसकी लागत 8 करोड़ रुपए आएगी। यह बताया गया कि दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम पूरा होने का दावा किया गया है। फिलहाल काम रुका है। बाकी चार अगले दो साल में पूरे कर लिए जाएंगे। इन प्रोजेक्टों की दिशा में काम तेज किया जाएगा। मंत्री ने भार्गवी, ट्यूना और रत्नचिरा नदियों के वाटर क्वालिटी पर नजर रखने को कहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में दया नदी के पानी बेहद प्रदूषित बताया।
नदी सफाई में सहकार को सहयोग करें
सरकार की अपील है कि नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए जनसहभागिता सुनिश्चित की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने दया नदी को प्रदूषण मुक्त रखने की अपील की है। ओडिशा किन्नर संघ की अध्यक्ष व थर्ड जेंडर वेलफेयर ट्रस्ट की चेयरपर्सन मीरा परीडा ने बताया कि दया नदी सफाई अभियान किन्नर समाज उनके साथ करने जाता है। नदियों के प्रति सरकार के साथ हम नागरिको का भी कर्तव्य है। अन्य संगठन भी इस काम में धीरे-धीरे जुड़ रहे हैं।
कोशिश रंग लाई
मीरा कहती हैं कि भुवनेश्वर को प्लास्टिक फ्री करने की मांग वह लंबे समय से करती आ रही हैं। यह बात तब उनके दिमाग में आई जब दया नदी से वह सबके साथ मिलकर प्लास्टिक का कचरा निकालती थीं। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को धन्यवाद देना चाहती हूं कि उन्होंने पूरे ओडिशा को ही चरणबद्ध प्लास्टिक मुक्त करने का आदेश किया और शुरुआत भुवनेश्वर और कटक से हुई। मीरा ने दया नदी के सफाई अभियान अन्य संगठनों से भी संपर्क किया है।