आठ अगस्त को मुंबई में एक कॉन्क्लेव के बाद नवीन पटनायक ने मुकेश अंबानी से भेंट की थी और उन्हें भुवनेश्वर आने का न्योता दिया था। बीते एक साल ओडिशा सरकार मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 2018 की सफलता की इबारत लिखने में जुटी है। इसके लिए मुंबई, दिल्ली और चेन्नई में कॉन्क्लेव का सेमी फाइनल हुआ था। इसमें देश विदेश की नामीगिरामी हस्तियों के आने का रास्ता मजबूत किया गया था। ओडिशा को इंडस्ट्रियल हब बनाने के लिए आधारभूत ढांचा को माकूल बताया जा रहा है। इस कॉन्क्लेव से सरकार को लगता है कि ओडिशा का औद्योगिक नक्शा बदल जाएगा। कॉन्क्लेव में अंबानी, महेंद्रा एंड महेंद्रा, जिंदल स्टील वर्कस, आदित्य विड़ला ग्रुप, टाटा ग्रुप के लोगों से बातचीत करेंगे।
सीएम ने कई राज्यों में निवेशकों से की बात
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मेक इन ओडिशा के लक्ष्य के तहत मुंबई, दिल्ली के बाद चेन्नई में निवेशकों को संबोधित किया। अनुमान है कि दो लाख करोड़ का निवेश ओडिशा में इन प्रयासों के चलते संभव है। कुल प्रोजेक्टों में 65 प्रतिशत प्रोजेक्टों पर क्रियान्वयन शत प्रतिशत संभव होने का सरकारी दावा है। नवीन बड़े शहरों में औद्योगिक बुनियादी ढांचा की उपलब्धता का भी विवरण प्रस्तुत कर चुके हैं।
बताया जाता है कि राज्य में अब तक 250 स्टार्टअप कम्पनियां पंजीकृत करा चुकी हैं। मेक इन ओडिशा कान्क्लेव 11 से 15 नवंबर तक होगा। दिल्ली मुंबई के बाद चेन्नई निवेशक सम्मेलन में फिक्की के रफीक अहमद, राम्को ग्रुप चेयरमैन पीआरवी राजू, श्रीराम ग्रुप चेयरमैन आर. थियेगाराजन, एमडी चेट्टिनाद ग्रुप एमएएमआर मुथैया, टीएसडीपीएल एमडी अब्राहम स्टीफेंसो, ओडिशा के उद्योग मंत्री अनन्त दास ने भी निवेशकों को संबोधित किया। निवेशक सम्मेलन से पूर्व रोड शो भी आयोजित किए गए।
फ्रांस ने भी दिखाई निवेश में रूची
मेक इन ओडिशा कान्क्लेव की सफलता में सरकार बढ़ गई है। फ्रांस ने भी ओडिशा में निवेश करने में रुचि दिखाई है। यह बात मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और फ्रांस के राजदूत एलेक्जंडर जिगलर के नेतृत्व में आए प्रतिनिधि मंडल के बीच बातचीत में प्रकाश में आई। फ्रांस की कंपनियों ने ओडिशा में विभिन्न सेक्टरों में निवेश की पहल करने की बात की। विशेषकर होटल, स्टील, इलेक्ट्रानिक और एनर्जी क्षेत्रों निवेश में रुचि फ्रांसीसी कंपनियों ने दिखाई।
माइंस सेक्टर में समृद्ध है राज्य
ओडिशा माइंस सेक्टर में बहुत समृद्ध है। दक्षिण एशियाई देशों का ओडिशा एल्युमिनियम कैपिटल बनने की ओर तेजी से बड़ रहा है। देश का 54 प्रतिशत एल्युमिनियम ओडिशा में होता है। डिफेंस और एयरोस्पेस सेक्टर के लिए राज्य सरकार ठोस नीति पर काम कर रही है। इस दौरान ओडिशा विजन-2030 के चुनींदा बिंदु भी निवेशकों के समक्ष रखे गए। विमान क्षेत्र, इलेक्ट्रानिक उपकरण, खाद्य प्रसंस्करण व चिकित्सीय उपकरण में निवेश करने की प्रबल संभावना बतायी जा रही हैं। कंपनियां एमओयू पर दस्तखत कर रही हैं। फ्रांस के इंडो-फ्रांस चैम्बर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने ओडिशा में निवेश का आश्वासन दिया।