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बीजेडी सांसद ने मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के खिलाफ दर्ज करवाया मुकदमा

locationभुवनेश्वरPublished: Jan 22, 2019 03:31:54 pm

मयूरभंज से बीजेडी सांसद रामचंद्र हांसदा चिटफंड घोटाला मामले में चार साल से जेल में सजा काट रहे थे…

रामचंद्र हांसदा

रामचंद्र हांसदा

(भुवनेश्वर): चिटफंड घोटाले में चार साल बाद जमानत पर छूट बीजू जनता दल के मयूरभंज से सांसद रामचंद्र हांसदा ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पर अभद्र टिप्पणी का केस फाइल किया है। पांच जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बारीपदा में हुई जनसभा के दौरान प्रधान ने कहा था कि मयूरभंज की जनता ने ऐसा सांसद चुना है जो पांच साल के कार्यकाल में चार साल तक जेल में रहा। हसदा ने जिला न्यायालय में याचिका दायर की है। उनका कहना है कि उनके खिलाफ यह मामला अदालत में विचाराधीन है। ऐसे में मंत्री द्वारा टिप्पणी अनुचित है। उनकी याचिका में एससीएसटी एक्ट की धाराएं व आईपीसी की धाराओं का उल्लेख है। कोर्ट ने बारीपदा टाउन पुलिस को मामला दर्ज कर रिपोर्ट देने को कहा है।


सांसद रामचन्द्र हांसदा नवदिगंत चिटफंड ठगी मामले में 2014 से जेल में बंद थे। उन्हें जुलाई 2018 में जमानत मिली थी। हांसदा के वकील अभिजीत पटनायक ने बताया कि सांसद रामचन्द्र हांसदा के जमानत आवेदन को सुप्रीमकोर्ट ने मंजूर करके जमानत दी।


गौरतलब है कि रामचन्द्र हांसदा बीजद के टिकट पर वह मयूरभंज लोकसभा सीट से 2014 में चुनाव जीते थे। 4 नवम्बर 2014 को नवदिगंत चिटफंड ठगी मामले में रामचन्द्र हांसदा को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। उन पर अपनी कंपनी बनाकर निवेशकों को लाखों का चूना लगाने के आरोप है। सीबीआई ने सांसद को ओडिशा में मयूरभंज जिले से अरेस्ट किया। इसके अलावा बीजेडी के पूर्व विधायक सुबर्ण नायक और बीजेपी के पूर्व विधायक हितेश कुमार बगराती को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया। बीजेडी ने अपने सांसद रामचंद्र हंसदा और पूर्व विधायक सुवर्ण नाइक को चिटफंड घोटाले में गिरफ्तारी के बाद पार्टी से निलंबित कर दिया है।


सीबीआई का आरोप है कि सांसद और 2 पूर्व विधायकों ने नबदिगंत कैपिटल सर्विसेज नामक कंपनी बनाकर निवेशकों की खून पसीने की कमाई में सेंध लगाई। स्पेशल सीबीआई टीम ने आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी करने और आर्थिक गड़बड़ी के आरोप में इन तीनों नेताओं को गिरफ्तार किया। जांच एजेंसी ने 26 अक्टूबर को पोंजी कंपनी के सीएमडी अंजन बलीआरसिंह, निदेशक प्रदीप पटनायक और कार्तिक परीडा को इस मामले में गिरफ्तार किया था।

 

चिटफंड घोटाले की जांच के दायरे में आई 44 कंपनियों में नबदिगंत कैपिटल सर्विसेज भी शामिल है। इन नेताओं ने दावा किया कि उन्होंने इस कंपनी में डायरेक्टर की पोस्ट से 2012 में इस्तीफा दे दिया था, लेकिन उनके इस्तीफे पिछले साल स्वीकार किए गए। सांसद और दोनों पूर्व विधायकों ने आरोप लगाया है कि पोंजी कंपनी ने उन्हें फंसाया है, लेकिन नबदिगंत के सीएमडी ने कहा, ‘ये नेता कोई बच्चे नहीं हैं, जिन्हें फंसाया जा सके। मैंने कंपनी के मामलों में उनके शामिल होने से जुड़े सारे सबूत सीबीआई को सौंप दिए हैं। गौरतलब है कि सीबीआई ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) और आरबीआई की भूमिका की जांच के लिए संयुक्त निदेशक राजीव सिंह की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया है।

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