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अमित शाह ने नवीन पटनायक के ओडिया ज्ञान को बनाया मुद्दा

locationभुवनेश्वरPublished: Feb 05, 2019 07:37:33 pm

Submitted by:

Prateek

बीजेडी समर्थक कहते हैं कि नवीन ने साबित किया कि विकास कार्य यदि जनता को लुभावने लगते हैं तो वह अपना नेता खुद चुन लेती है…

amit shah and naveen

amit shah and naveen

(पत्रिका ब्यूरो,भुवनेश्वर): बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के ओडिया ज्ञान को जनता के बीच मुद्दा बनाया है। वह हर सभा में कह रहे हैं कि नवीन बाबू जनता की बात इसलिए नहीं समझ पाते हैं, क्योंकि उन्हें ओडिया नहीं आती। वह 29 जनवरी को पुरी में सम्मेलन संबोधित करने के बाद एक बार फिर ओडिशा 15 फरवरी को जनसभा करने आ रहे हैं। शाह संबलपुर समेत चार लोकसभा क्षेत्रों के 60 हजार कार्यकर्ताओं बूथ कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित करेंगे। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बसंत पंडा ने उनके कार्यक्रम की पुष्टि की।


गौरतलब है कि नवीन पटनायक पूरे देश में इकलौते ऐसे चीफ मिनिस्टर हैं जो बीते साढ़े 19 साल से ओडिशा में शासन कर रहे हैं। यदि वह 2019 जीत जाते हैं तो देश में सबसे ज्यादा समय तक शासन करने वाले सीएम का कीर्तिमान स्थापित करने जा रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह कि उन्हें ओडिया मुकम्मल नहीं आती। सीखने में भी उनकी रुचि नहीं है। जब वह बोलते हैं तो लोग मुस्करा देते हैं। बीजेडी समर्थक कहते हैं कि नवीन ने साबित किया कि विकास कार्य यदि जनता को लुभावने लगते हैं तो वह अपना नेता खुद चुन लेती है। हालांकि चुनाव नजदीक होने के कारण वह ज्यादातर ओड़िया में भाषण देते हैं। कुछ शब्द व वाक्य वह रटे रटाए बोलते हैं। बीच-बीच में नवीन अंग्रेजी के शब्दों का भी प्रयोग करते हैं। मंगलवार को ही जैपुर में संबोधित करते हुए वह शब्द भूल गए तो उन्हें कुछ सेकेंड याद करने में लग गए। पहले वह अपने भाषण की शुरुआत भाई भौणि माने आपणकूं समस्तकूं मोर नमस्कार…।

 

आऊ टिके समय लागिब..

जब वह 1997 में आस्का से चुनाव लड़ने आए, तो भाषण में यह वाक्य जरूर बोलते थे आउ टिके समय लागिब..वह यह संदेश देते थे कि ओडिया सीखने में थोड़ा समय और लगेगा। पर बीजेपी के लोग कहते हैं कि यह थोड़ा समय अब तक पूरा नहीं हुआ। उनकी पार्टी के एक नेता बताते हैं कि 2000 में एक रिटायर्ड प्रोफेसर राजकिशोर मिश्र को ओडिया सिखाने के लिए नियुक्त किया गया था। पर वो भी कभी कभार ही नवीन बाबू से मिल पाते थे। अब तो पूरी बीजेपी नवीन पटनायक के खिलाफ उनके ओडिया भाषा न आने को मुद्दा बनाकर जनता के बीच है। हो सकता है कि नवीन की ओडिया भाषा को भी चुनावी मुद्दा बना लिया जाए।

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