यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना रही जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों को लोग घायल हैं जिनमें सात तो आईसीयू में मरणासन्न हैं। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने घटना की जांच के आदेश किए और घायलों की निःशुल्क चिकित्सा के आदेश किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घटना पर शोक संवेदनाएं व्यक्त की। राज्यपाल ने चिकित्सा विभाग से कहा कि हर हाल में बेहतर इलाज होना चाहिए। भले ही बाहर से डाक्टर बुलाने की जरूरत पड़े।
ट्रांसपोर्ट मंत्री कहते हैं कि सड़क सुरक्षा को ही दोषी ठहराना उचित न होगा, अन्य कारण भी संभव हो सकते है। आरटीओ अपनी रिपोर्ट देंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष निरंजन पटनायक, महिला कांग्रेस अध्यक्ष मिनाती बेहरा ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि घायलों के इलाज में किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त न की जाएगी। सामाजिक कार्यकर्ता विश्वजीत महंति कहते हैं कि आवारा पशुओं का सड़क पर यहां तक कि हाईवे पर घूमना फिरना राज्य में कई सड़क दुर्घटनाओं का कारण रहा।
वह कहते हैं कि हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार पशुओं को अकेला नहीं छोड़ा जा सकता है। फिर यदि कोई जानवर दो किलोमीटर लंबा पुल पार कर रहा हो खासकर काले रंग की भैंस, यह ड्राइवर के लिए और भी खतरनाक है।
ड्राइवर देर शाम भैंस दूर से दिखी नहीं होगी पास आने पर वह नियंत्रण खो बैठा होगा जो दुर्घटना का कारण बन गया हो। सड़कों पर आवारा पशुओं की चहलकदमी फौरन समाप्त होनी चाहिए। दूसरे बस ड्राइवर भी बहुत बेतहाशा गाड़ी चलाते हैं। ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जो बसों की गति चेक कर सके। विधायक प्रवात रंजन बिस्वाल का कहना है कि गति सीमा पहले से ही सरकार ने निर्धारित कर रखी है। यह गति हाईवे पर 60 किलोमीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। यह मुद्दा विधानसभा में उठाया जा चुका है।