बीजेपी ने दी यह सलाह
प्रधान ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को सुझाव दिया था कि अगर राज्य सरकार पेट्रोल-डीजल से अपना टैक्स (वैट) कम कर दे तो कीमतों में थोड़ी राहत मिल सकती है। बीजू जनता दल के राज्यसभा सदस्य एवं प्रवक्ता प्रताप केसरी देव ने कहा कि प्रधान के प्रस्ताव को राज्य सरकार खारिज करती है। अन्तर्राष्ट्री बाजार में तेल की कीमतें गिर रही हैं। केंद्र को दाम घटाना चाहिए। सीधा फंडा है। दूसरी बात यह कि ओडिशा सरकार तो बाकी राज्यों जैसे राजस्थान, आंध्र आदि के मुकाबले पेट्रोल-डीजल पर वैसे ही कम टैक्स लेती है। प्रवक्ता ने उल्टे गेंद केंद्र के पाले में डाल दी।
बीजद ने केंद्र पर फोड़ा ठीकरा
उनका कहना है कि केंद्र सदैव ही राज्य सरकार पर टैक्स घटाकर पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने की बात करती है पर अपना लाभ कम करने को तैयार नहीं है। एक्साइज ड्यूटी यदि केंद्र सरकार कम कर दे तो जनता को राहत मिल सकती है। कच्चे तेल की कीमतें कम हो रही हैं तो केंद्र एक्साइज ड्यूटी क्यों नहीं कम कर रहा है। 2014 में जब एनडीए की सरकार बनी थी तो 34 डॉलर प्रति बैरल कच्चे तेल की कीमत थी। अब 73 है जबकि यूपीए के समय 116 डॉलर बैरल थी। केंद्र एक्साइज ड्यूटी पेट्रोल पर 6 प्रतिशत से 19 प्रतिशत तक कर दी।
उनका कहना है कि केंद्र यदि एक्साइज ड्यूटी कम कर दे तो डीजल-पेट्रोल के दाम घट जाएंगे और जनता को राहत मिल जाएगी। राज्य सरकार पर दबाव बनाने के बजाय केंद्र अपनी तरफ से राहत दे तो बेहतर होगा। मालूम हो कि ओडिशा सरकार 2014 में 3,000 हजार करोड़ और अब 7,000 करोड़ रुपया पेट्रोलियम पदार्थों पर टैक्स ले रही है। केंद्रीय मंत्री का कहना है कि वैट घटाने पर राहत मिल सकती है।