ओडिशा ओलम्पिक संघ, फुटबाल समेत अन्य खेलों के संगठन में प्रमुख पदों पर रहने वाले आशीर्वाद बेहरा और एक होटल मालिक कमलकांत दास को उनके निवास से सुबह-सुबह गिरफ्तार किया गया। सीबीआई की टीम में 15 से अधिक सदस्य थे।
बेहरा 2014 से अर्थतत्व से लिंक के कारण सीबीआई के राडार पर थे। सीबीआई ने उनके और कमलकांत दास के खिलाफ और अर्थतत्व समूह के निदेशक संबित कुमार खुंटिया के खिलाफ 29 अगस्त 2019 को आईपीसी और चिट्स एंड मनी सरकुलेशन स्कीम (बैनिंग) एक्ट 1978 के तहत चार्जशीट दाखिल की थी। सूत्र बताते हैं कि बाराबटी स्टेडियम में आयोजित 2011 में क्रिकेट की ओडिशा प्रीमियर लीग के लिए अर्थतत्व का एक करोड़ रुपया लगाया गया था।
सीबीआई का कहना है कि ओडिशा क्रिकेट एसोसिएशन के बतौर सचिव आशीर्वाद बेहरा पर चिटफंड कंपनी को प्रमोट करने का आरोप है। जनता का पैसा चिटफंड कंपनी में लाने के लिए आकर्षित करने वालों की कड़ी में बेहरा और कमलकांत दास का भी नाम है। बेहरा के कारण कंपनी की साख जनता में मजबूत हुई जिसका लाभ जमा राशि बढ़ाने में कंपनी को मिला भी। मीडिया से आशीर्वाद बेहरा का कहना था कि उनकी गिरफ्तारी की उन्हें उम्मीद थी। आप सबलोग जानते हैं। इस बीच उनके पुत्र संजय बेहरा ने बताया कि आशीर्वाद बेहरा की गिरफ्तारी षड़यंत्र के तहत की गई है।
आशीर्वाद का विवादों से रहा गहरा नाता
विवादों में आते ही ओडिशा ओलम्पिक संघ के सचिव रहे आशीर्वाद बेहरा ने पद छोड़ दिया था। बाराबटी स्टेडियम की जमीन विवाद की सुनवाई के बाद सुप्रीमकोर्ट ने उन्हें पद छोड़ने का आदेश दिया था। उनकी जगह संयुक्त सचिव रहे रवींद्र कुमार परीड़ा ने संभाल ली है।
मालूम हो कि बाराबटी स्टेडियम के पास 705 डिसमिल जमीन पर 22 दुकान और बाराबाटी पैलेस का निर्माण कर बेहरा अपने बेटे के नाम पर कारोबार चलाते थे। गैरकानूनी तौर पर इस संपत्ति को हाईकोर्ट के निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने अपने हाथ में ले लिया। इस निर्देश के चलते ओडिशा ओलम्पिक संघ सुप्रीमकोर्ट पहुंचा था।
22 जनवरी 2015 को सुप्रीमकोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखने के साथ ही ओडिशा के एकाउंटेंट जनरल को ओलम्पिक संघ के एकाउंट की आडिट कर छह सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा। यही नहीं बाराबटी पैलेस समेत 23 अनुष्ठानों को जिला प्रशासन को हस्तांतरित करने के लिए निर्देश दिया था। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने ओडिशा ओलम्पिक संग और ओडिशा क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व सचिव आशीर्वाद बेहरा के दामाद और बेटे को जमीन घोटाले में पूछताछ के लिए तलब किया था। पद पर रहने के दौरान बेहरा ने स्टेडियम की जमीन बेटे और दामाद को लीज पर दे दी थी। उन पर चिटफंड कंपनी में निवेश का भी आरोप है। बेहरा और उनके पुत्र सत्यब्रत बेहरा तथा दामाद संदीप सामल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। संदीप मेसर्स आइकॉन एसोसिएट्स के साझीदार हैं। बेहरा ने दामाद की कंपनी को 23 दुकानें तथा समारोहों के लिए कल्याम मंडप बनाने के लिए लीज पर जमीन दी थी। इसके बाद ही उन्हें पद छोड़ना पड़ा।