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भुवनेश्वर

गठित हो गया ओडिशा डेमोक्रेटिक फ्रंट, नवीन सरकार को धराशायी करने की योजना

फ्रंट नेताओं की ओर से दावा किया जा रहा है कि बीजेडी सरकार के समय राज्य पिछड़ता गया…
 

भुवनेश्वरJan 21, 2019 / 08:52 pm

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ओडिशा

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(भुवनेश्वर): नवीन पटनायक सरकार को उखाड़ फेंकने के मंसूबे से दो क्षेत्रीय दलों का आपसी विलय हो गया है। ये दल हैं समता क्रांति दल व उत्कल भारत। दोनों ने मिला कर ओडिशा डेमोक्रेटिक फ्रंट नाम का मोरचा गठित किया है। दोनों दलों के नेताओं ब्रज किशोर त्रिपाठी व खरबेला स्वैं ने बताया कि इस मोरचे का लक्ष्य 2019 के आम चुनाव में नवीन सरकार को सत्ता से बाहर करने का है। दोनों का दावा है कि उनका मोरचा राज्य की सभी लोकसभा और विधानसभा की सीटों पर प्रत्याशी उतारेगा। यह भी दावा किया गया है कि मोरचा आम चुनाव में सर्वाधिक सीटें प्राप्त करेगा। यही नहीं राज्य में सरकार भी ओडिशा डेमोक्रेटिक फ्रंट की बनेगी।

 

नेता द्वय का आरोप है कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली सरकार के शासनकाल में ओडिशा पिछड़ता ही गया। सर्वाधिक गरीब ओडिशा के विकास के लिए पटनायक हर रोज केंद्र से अनुदान की भीख मांगा करते हैं। लाखों लोग ओडिशा से पलायन सिर्फ इसलिए कर रहे हैं कि बाहर कोई रोजगार तलाश लेंगे। राज्य से श्रमशक्ति का पलायन अच्छे लक्षण नहीं हैं। किसी भी राज्य को पलायन विकास के निचले पायदान पर पहुंचा देता है।


खरबेला स्वैं ने बताया कि नवीन सरकार उद्योग, कृषि व स्वास्थ आदि विकास के क्षेत्र में पूरी तरह विफल है। दोनों ने बीजेडी विरोधी विचारधारा वालों का आह्वान किया है कि वह उनसे हाथ मिले और ओडिशा डेमोक्रेटिक फ्रंट को मजबूती दें। इस बीच पूर्व मंत्री दामोदर राउत ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि उनकी नई पार्टी जनता क्रांति को मान्यता दें। उनका कहना है कि सारी कागजी खानापूरी की जा चुकी हैं। राउत का दावा है कि बीजेडी सरकार के भ्रष्टाचार से त्रस्त लोग परिवर्तन चाहते हैं जो कि उनकी पार्टी व समानविचारधारा वाले लोग मिलजुलकर विकल्प दे सकते हैं। भ्रष्टाचार पर सवार नवीन सरकार के दिन अब लद चुके हैं। मतदाता भी नवीन सरकार से ऊब चुके हैं।


ओडिशा के लोग अब दामोदर राउत, बैजयंत पंडा, दिलीप राय, विजय महापात्र सरीखे दिग्गज नेताओं के रुख का इंतजार कर रहे हैं। ये तो तय है कि ये सब बीजेडी सरकार विरोधी हैं। पर देखना तो यह है कि यह सभी क्या नवीन पटनायक के पांचवें टर्म को रोक सकेंगे?

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