लगातार बढ़ रहे संक्रमित मामलों को देखते हुए ओडिशा सरकार ने चिकित्सीय सलाहकारों की सिफारिश पर क्वारेंटाइन अवधि 14 दिन से बढ़ाकर 21 दिन कर दी है। इसके अलावा सात दिन होम क्वारेंटाइन पर रहना होगा। सरकारी प्रवक्ता सुब्रत बागची ने इसकी पुष्टि की।
उधर सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा हाईकोर्ट के उस आदेश को स्थगित कर दिया जिसमें हाईकोर्ट ने प्रवासी श्रमिकों को कोरोना टेस्ट के बाद निगेटिव आने पर ही ओडिशा में प्रवेश की अनुमति देने की बात कही थी। स्थगनादेश के बाद प्रवासी श्रमिकों के आने का सिलसिला फिर शुरू हो गया है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और एडवोकेट कानू अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि गृह मंत्रालय उन्हीं लोगों की वापसी का आदेश किया था जिनमें कोरोना लक्षण नहीं हैं साथ ही क्वारंटाइन सेंटर में रहने की भी शर्त थी।
ओडिशा हाईकोर्ट ने गुरुवार को निर्देश दिया था कि परीक्षण के बाद केवल निगेटिव प्रवासी श्रमिक ही अपने राज्य आ सकते हैं। हाईकोर्ट ने ओडिशा सरकार को यह भी कहा था कि गुजरात, महाराष्ट्र समेत हर उस राज्यों को प्रवासी श्रमिकों को रोकने को कहें। ओडिशा हाईकोर्ट के जस्टिस एस.पंडा और जस्टिस केआर महापात्रा की खंडपीठ ने उक्त निर्दैंश दिया था। मालूम हो कि गुजरात में हीरा और टेक्सटाइल उद्योग से जुड़े तीन लाख प्रवासी श्रमिक ओडिशा लौटने को तैयार बैठे हैं। सैकड़ों को बसों से ही आ गए थे। पहली ट्रेन 2 मई को सूरत से चली थी। इसके अलावा 16 ट्रेनें ओडिशा आ चुकी हैं जिसमें 19,200 प्रवासियों को लाया गया था। ओडिशा सरकार के अनुसार 4,225 विभिन्न राज्यों से गुरुवार को पहुंचे थे। अब तक 50 हजार लोग आ चुके हैं।