शाह ने कहा कि सीएए का विरोध करने वाले झूठ फैला रहे हैं कि इससे मुसलमानों की नागरिकता चली जाएगी। सच यह नहीं है। किसी भी मुसलमान या अन्य किसी भी अल्पसंख्यक वर्ग की नागरिकता नहीं जाएगी। उन्होंने दोहराया कि नागरिकता उन लोगों को दी जाएगी जो विभाजन के दौरान पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में छूट गए हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन व पारसी समुदाय से आते हैं। अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मानवाधिकारों की रक्षा करने को सीएए लेकर आए हैं। अब धर्म के आधार पर अत्याचार नहीं सहा जाएगा। धर्म परिवर्तन बरदाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि झूठ फैलाने वालों से पूछिए कि नागरिकता छीनने का प्रावधान सीएए में कहां है। सरकार सत्य के लिए कदम उठाने से डरती नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने 70 साल से लंबित मामले सुलटाए हैं। राम मंदिर, 370, सीएए लागू करके सरकार देशहित में काम किया।
2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली बढ़त को लेकर उन्होंने कहा कि इससे राज्य में सत्ता हासिल करने का रास्ता जनता ने मजबूत कर दिया है। सभा से पहले शाह ने ईस्टर्न जोनल काउंसिल की बैठक में हिस्सा लिया। इसमें ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों के साथ शाह ने क्षेत्र के समस्याओं को सुलझाने पर चर्चा की गई।