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Ground Report: रथ के लिए आ चुकी है लकड़ी, जगन्नाथ रथयात्रा होगी या नहीं हालात तय करेंगे

locationभुवनेश्वरPublished: Apr 07, 2020 06:43:55 pm

Submitted by:

Prateek

Odisha News: फैसला श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रशासन, प्रबंध समिति और छत्तीस नियोग (Puri Jagannath Rath Yatra 2020) की बैठक में लिया जाना है…

Puri Jagannath Rath Yatra 2020

Ground Report: रथ के लिए आ चुकी है लकड़ी, जगन्नाथ रथयात्रा होगी या नहीं हालात तय करेंगे

(भुवनेश्वर,महेश शर्मा): कोरोना वायरस के पंजे में जकड़े ओडिशा की विश्वविख्यात पुरी जगन्नाथ रथयात्रा उत्सव के आयोजन पर भी अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं। यात्रा का दायरा धर्म तक सीमित नहीं है यह ओडिशा की संस्कृति और पर्यटन का हिस्सा है। लगभग आठ से दस लाख लोग रथयात्रा में देश विदेश से आते हैं। राज्य में बढ़ती कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या (भुवनेश्वर में 32 और ओडिशा में अब तक 39) ने और भी चिंता बढ़ा दी है। पहले देशव्यापी लॉकडाउन फिर हालात बिगड़ने पर राज्य के कईं जिलों में शटडाउन ऐसे में सवाल उठता है कि रथयात्रा शुरू हो पाएगी या नहीं? श्रीमंदिर प्रबंधन समिति की बैठक इस हफ्ते प्रस्तावित थी पर नहीं हो सकी।


भरोसेमंद सूत्र बताते हैं कि श्रीमंदिर प्रशासन और प्रबंध समिति स्थगित किए जाने पर भी विचार कर सकती है। इस पर शीघ्र ही निर्णय लिया जा सकता है। नौ दिनों तक चलने वाली रथयात्रा महापर्व की तैयारियां अक्षय तृतीया यानी 23 अप्रैल से शुरू होनी है। चंदन पूर्णिमा को जगन्नाथ भगवान का नौका विहार आयोजित किया जाएगा। इस सब पर कोरोना वायरस का ग्रहण लग सकता है। श्रद्धालुओं का कहना है कि महाप्रभु जगन्नाथ भगवान ने ओडिशा को हर विपत्ति से सदैव ही बचाया है। ऐसे में कोरोना वायरस उनके रथ का पहिया नहीं रोक सकेगा।

Puri Jagannath Rath Yatra 2020

श्रीजगन्नाथ भगवान पर लोगों की आस्था के कारण उन्हें धरती के जीवंत भगवान के रूप में पूजा जाता है। इंसानों की तरह ही उनकी सारी रीतिनीति संपादित की जाती है। श्रीमंदिर समिति के सदस्यों का दावा है कि मदिर में रोजना 50 हजार से ज्यादा लोग आते हैं। खास त्योहारों पर तो यह संख्या एक लाख तक पहुंच जाती है। श्रीमंदिर प्रबंधन समिति वरिष्ठ सदस्य रामचंद्र दास मोहापात्रा का कहना है कि महाप्रभु पर आस्था लोगों को बरबस पुरी तरफ लोगों को खींच लाती है। दो अप्रैल श्रीराम नवमी, रामकथा अनुकला, 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया जब 21 दिन तक रथ का निर्माण होता है, चंदनयात्रा शुरू होती है। फिर 5 जून को स्नान पूर्णिमा, और 23 जून से रथयात्रा। एक जुलाई को रथयात्रा गुंडिचा मंदिर से पुनः श्रीमंदिर आती है। यह भी बताया गया है कि रथ के लिए लकड़ी लायी जा चुकी है। लॉकडाउन के बाद भी लकड़ी का पूजन किया जा चुका है। श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रशासन के पीआरओ लक्ष्मीधर पूजापंडा का कहना है कि तैयारी है बाकी सबकुछ हालात पर निर्भर है।

 

सूत्रों का कहना है कि रथयात्रा स्थगित करना या आयोजित की जाएगी, यह फैसला श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रशासन, प्रबंध समिति और छत्तीस नियोग की बैठक में लिया जाना है। यह बैठक शीघ्र ही होगी। पुरीधाम भी लॉक डाउन की कैटेगरी में है। श्रीमंदिर में महाप्रभु के दर्शन पर रोक लगी है। कपाट बंद हैं। पर महाप्रभु रीतिनीति जारी है। जो सेवायत कर रहे हैं। जहां कभी लाखों रुपया हुंडी में रोज आते थे। अब चार पांच सौ से लेकर डेढ़ हजार रुपया तक ही आता है। श्री्जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (रीतिनीति) जितेंद्र कुमार साहू का कहना है कि इस बाबत शीघ्र ही निर्णय लिया जा सकता है। रथयात्रा आयोजन पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी।

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