ओडिशा में 1999 के बाद यह पहला मौका है जब कोई सुपरसाइक्लोन बंगाल की खाड़ी में मंडरा रहा है। तब भी यह पारादीप में टकराया था। हालांकि अबकी अम्फान के पश्चिम बंगाल की तरफ मुड़ने की बात कही जा रही है। जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर में तेज हवाएं और बारिस हो रही है जबकि पुरी, गजपति, गंजाम, खोरदा में सुबह से बूंदाबांदी हो रही है। आसमान में बादल छाये हैं। विशेष राहत आयुक्त प्रदीप कुमार जेना के अनुसार राहत एवं बचाव की समस्त तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। कोरोना से जूझ रहे पूर्वी भारत के इस राज्य में अम्फान चक्रवात ने भारी कठिनाई उत्पन्न कर दी है। मौसम विभाग की मानें तो अम्फान की रफ्तार 220-240 किमी. प्रतिघंटा तक हो सकती है। अधिकतम 265 किमी.प्रतिघंटा। वैज्ञानिकों के अनुसार यदि स्पीड 220 किमी.प्रतिघंटा या फिर उससे ज्यादा हो तो चक्रवाती तूफान को सुपर साइक्लोन यानी प्रचंड तूफान की संज्ञा दे दी जाती है। अबकी कुछ ऐसा ही नजारा सामने आ सकता है।
मौसम विभाग के भुवनेश्वर सेंटर के डाइरेक्टर एचआर विश्वास का कहना है कि चक्रवात के प्रभाव से मंगलवार को उत्तरी ओडिशा के पांच जिलों केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, भद्रक, बालासोर व मयूरभंज में तेज हवाएं व भारी बारिश होना शुरू हो गई है। बुधवार यानी 20 मई को बारिश और हवाए काफी तेज हो जाएंगी। इनकी गति 135 किमी.प्रतिघंटा तक हो सकती है। भारतीय मौसम विभाग के डाइरेक्टर जनरल मृत्युंजय महापात्रा का कहना है कि उत्तरी दिशा में आगे बढ़ते समय चक्रवाती तूफान की गति कम हो जाएगी। ओडिशा के तटक्षेत्र वाले 12 जिले इससे प्रभावित होंगे।
अम्फान से निपटने के लिए ओडिशा सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं। एनडीआरएफ की 12 टीमें और ओडीआरएफ की 20 टीमें प्रभावित जिलों में तैनात की गयी है। एनडीआरएफ के डीजी सत्यनारायण प्रधान ने बताया कि 8 टीमें स्टैंडबाई में रखी गयी हैं। जरूरत पड़ने पर तत्काल रवाना की जाएंगी। विशेष राहत आयुक्त जेना कहते हैं कि तटीय क्षेत्र के कच्चे मकानों में रहने वालों को सुरक्षित शिफ्ट किया जा रहा है। तटवर्ती क्षेत्र में 600 साइक्लोन सेंटरों और 700 पक्के घर तैयार हैं। जरूरत की सभी चीजें इनमें रखी गयी हैं। आपातस्थिति में इनका उपयोग किया जाएगा। लगभग 12 लाख लोगों के सुरक्षित रखने का इंतजाम सरकार ने किया है।