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अखबार बेचकर बच्चों का पेट पाल रही फुटबाल चैम्पियन

locationभुवनेश्वरPublished: Sep 13, 2019 10:52:18 pm

Submitted by:

arun Kumar

Odisha: ओडिशा की महिला फुटबाल (Footbal champion) टीम की कभी चैंपियान थीं शुभारानी दास (Subharani das) … मगर जिंदगी के थपेड़ों ने उनकी राह राह जुदा कर दी। सरकार (Government) ने भी कोई खोज खबर नहीं ली। वक्त गुजरता गया और और आज महज एक हाकर बनकर रह गई हीं शुभारानी। जी हां …! जिंदगी का फलसफा यही है।

अखबार बेचकर बच्चों का पेट पाल रही फुटबाल चैम्पियन

अखबार बेचकर बच्चों का पेट पाल रही फुटबाल चैम्पियन

– 1992 में ओडिशा की महिला फुटबाल टीम की कैप्टन रही
– 1986 में उन्होंने राज्य की खो-खो टीम का प्रतिनिधित्व किया

भुवनेश्वर : ओडिशा की महिला फुटबाल टीम की कभी चैंपियान थीं शुभारानी दास… मगर जिंदगी के थपेड़ों ने उनकी राह राह जुदा कर दी। सरकार ने भी कोई खोज खबर नहीं ली। वक्त गुजरता गया और और आज महज एक हाकर बनकर रह गई हैं शुभारानी। जी हां …! जिंदगी का फलसफा यही है। वर्ष 1992 में ओडिशा की महिला फुटबाल टीम की कैप्टन रही शुभारानी ने भी सपने संजोए थे। वर्ष 1986 में उन्होंने राज्य की खो-खो टीम का प्रतिनिधित्व किया मगर आज हालात ऐसे हैं कि परिवार का पेट पालने के लिए घर घर अखबार बांटना पड़ता है। बीमार पति और दो बेटियों की परवरिश की जिम्मेदारी ने उनक सपनों को स्याह कर दिया है। दो जून की रोटी के लिए उन्हें दूध बेचना पड़ता है और बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ानी पड़ती है।

प्रतिभाओं की अनदेखी कब तक

 

अखबार बेचकर बच्चों का पेट पाल रही फुटबाल चैम्पियन
खेल प्रतिभाओं को राज्य सरकार द्वारा सम्मान न दिए जाने को लेकर लोगों में रोष है। शुभारानी की पहचान अब एक हॉकर के रूप में होकर रह गई जबकि वह देश के लिए खेल सकती थीं अगर उन्हें मौका मिलता। शुभारानी के पति प्रकाश चंद्र मिश्र की 2004 में सर्जरी हुई, उसके बाद उसकी पारिवारिक स्थिति दयनीय हो गई। परिवार का पेट पालने के लिए उन्होंने दरवाजे-दरवाजे अखबार बांटना शुरू किया मगर हिम्मत नहीं हारी। उसकी खेल प्रतिभा का जायज मूल्य उसे नहीं मिल सका।
राशन कार्ड तक नहीं है उनके पास

अखबार बेचकर बच्चों का पेट पाल रही फुटबाल चैम्पियन
शुभारानी कहती है कि रोज कमाना खाना उसकी जिंदगी का हिस्सा बन चुका है। उसने खेल और युवा सेवा विभाग से भी संपर्क किया था पर कोई हल नहीं निकला। उसके पास राशन कार्ड तक नहीं है। आल इंडिया फुटबाल फेडरेशन द्वारा गुवाहाटी में आयोजित आल इंडिया फुटबाल चैम्पियनशिप में उसने राज्य की टीम को लीड किया था। उनकी एक बार पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक से बातचीत हुई थी। उन्होंने कार्यालय बुलाया था पर दुर्भाग्य ने यहां भी पीछा नहीं छोड़ा।
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