scriptओडिशा:निर्धन पद्मश्री विजेताओं को हर माह मिलेगी दस हजार रूपए पेंशन | Padmashri Awardees Of Odisha To Get 10 Thousand Rs Monthly Pension | Patrika News

ओडिशा:निर्धन पद्मश्री विजेताओं को हर माह मिलेगी दस हजार रूपए पेंशन

locationभुवनेश्वरPublished: Jul 09, 2019 04:36:33 pm

Submitted by:

Prateek

Padmashri Awardees Of Odisha: ओडिशा सरकार ( Odisha Government ) की ओर से यह फैसला तब लिया गया जब मुफलिसी के दौर से गुजर रहे ओडिशा के कैनाल मेन ( Odisha Canal Man ) दइतरी नायक ( Daitari Nayak ) ने पद्मश्री पुरस्कार ( Padmashri Awards ) लौटाने को कहा था, नायक के कदम से पहले गांव का कल्याण हुआ अब पद्मश्री ( Padmashri Awardees ) विजेताओं की बारी है…
 
 

Padmashri Awardees Of Odisha

Padmashri Awardees Of Odisha

(भुवनेश्वर,महेश शर्मा): ओडिशा ( Odisha ) देश का पहला ऐसा राज्य होगा जो गरीबी में जीवन बिता रहे पद्मश्री पुरस्कार विजेताओं ( Padmashri Awardees Of Odisha ) को 10 हजार रुपया प्रतिमाह बतौर पेंशन देगी। ऐसे लोगों को पेंशन देने का निर्णय राज्य सरकार ( Odisha government ) ने तब लिया जब पहाड़ खोदकर तीन किलोमीटर तक नहर खोदकर गांव तक लाने वाला पद्मश्री दइतरी नायक ने गरीबी और भुखमरी के कारण पद्मश्री लौटाने की बात कह दी थी। बताया जाता है कि ओडिशा के रहने वाले पांच ऐसे लोगों को पद्मश्री पेंशन देने के लिए चिन्हित किया गया है जो गरीबी में जिंदगी बिताने को मजबूर हैं।


हालांकि पद्मश्री पेंशन के लिए कौन-कौन हकदार होंगे, इसका पैमान अब तक नहीं बनाया गया है पर इस श्रेणी में आने वाले आदिवासी समाज के लोगों को रखा जाना लगभग तय बताया जाता है। पद्मश्री अवार्ड से नवाजे गए लोगों में दइतरी नायक का पहला नंबर आता है। उन्हीं की वजह से पेंशन मिलेगी। संस्कृति एवं पर्यटन विभाग की ओर से भेजे गए दस हजार रुपये की पेंशन के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ( Naveen Patnaik ) ने मंजूरी दे दी है।


क्योंझर जिले के बंसपाल ब्लाक के बैतरनी गांव के निवासी पद्मश्री दइतरी नायक ( Odisha Canal Man ) का पेंशन पाने वाले संभावित लोगों में पहला नाम होगा। पहाड़ काटकर नहर अपने गांव तक लाने वाला केनाल मैन पद्मश्री दइतरी नायक ( Odisha Canal man daitari nayak ) की गरीबी पर ओडिशा सरकार को तरस आ ही गया। सरकार के संस्कृति एवं पर्यटन विभाग ने सोचा कि दइतरी ही क्यों? गरीबी की जिंदगी बिता रहे अन्य पद्मश्री पुरस्कार पाने वालों को भी शामिल करने का फैसला लिया गया। दइतरी नायक ने तीन किलोमीटर तक नहर खोदी। इस काम में उसे तीन साल लगे। उसके भीतर एक जुनून था। पद्मश्री के सम्मान केकारण उसे को काम ही नहीं देता था। तभी उसने पद्मश्री लौटाने का निर्णय ले लिया।

 

दूसरा नंबर आता है कटक सिटी के रहने वाले पद्मश्री डी.प्रकाश राव ( D. Prakash Rao ) का। तेलगू समाज के राव के पिता के पिता ओडिशा में आकर बस गए थे। बक्सी बाजार के राधानाथ रत चौराहे पर उनकी छोटी सी चाय की दुकान है। वह सालों चाय बेंचकर गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा देते हैं। बीते साल 2018 में 24 मई को जब प्रधनामंत्री नरेंद्र मोदी कटक के बालीयात्रा मैदान में केंद्र सरकार के चार साल के कामकाज का हिसाब देने के लिए जनसभा संबोधित कर रहे थे, तो दूसरी सरकारी महकमा प्रकाश राव को रैली स्थल से लगे ग्रीन रूम में राव को बैठा चुका था। मोदी ने राव से भेंट की उन्हें बगल में बैठाया और पूछा वह यह सब कैसे मैनेज करते हैं। इससे पहले मोदी ने मन की बात में डी.प्रकाश राव का जिक्र किया था। बाद में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार दिया गया। सुप्रसिद्ध लोकगीत रंगावती को गाने वाले जितेंद्रीय हरिपाल का नाम भी इस सूची में रखे जाने की चर्चा है। यह पेंशन आजीवन जारी रहेगी। ओडिशा में कोशली भाषा के कवि हलधर नाग की गरीबी जगजाहिर है। उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने पद्मश्री से नवाजा था।


ओडिशा सरकार ने पद्मश्री पाए लोगों को पेंशन देने की घोषणा करते हुए कहा कि जीवन यापन को संघर्ष करने वाले पद्मश्री पुरस्कृत लोगों की सरकार आर्थिक मदद करेगी। दइतरी नायक की कहानी मीडिया में आने के बाद राज्य सरकार को यह निर्णय लेना पड़ा। दइतरी घास काटता है बकरी पालकर किसी तरह गुजर बसर करता है। पेंशन के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक स्वीकृति दे दी है। पेंशन आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को दी जाएगी।

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