शोक प्रस्ताव रखते हुए पटनायक ने पुरानी बातें याद करते हुए कहा कि अटलजी की मृत्यु न केवल राष्ट्र की भारी क्षति है, बल्कि यह उनका भी निजी नुकसान है। उन्होंने लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी, तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम.करुणानिधि, पूर्व मंत्री जगन्नाथदास महापात्र, पूर्व विधायक सूर्यमणि जेना, बालकृष्ण महंति, मुरलीधर की मौत पर भी शोक संवेदना व्यक्त की। नेता प्रतिपक्ष नरसिंह मिश्र, भाजपा विधायक दल के नेता केवी सिंह देव ने भी दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी। सदन में वाजपेयी को श्रद्धांजलि प्रस्ताव को लेकर भाजपा और बीजद के सदस्यों में नोंकझोंक होने लगी। बीजद विधायक देवाशीष सामंतराय ने भाजपा के केवी सिंहदेव के श्रद्धांजलि पर बयान को राजनीतिक बताया।
सिंह देव ने कहा था कि नवीन पटनायक के राजनीति में आने के दौरान तत्कालीन एनडीए सरकार ने उनकी मदद की थी। स्वर्गीय वाजपेयी की वजह से ही पटनायक आज इस मुकाम पर हैं। उनका कहना है कि ये बातें वह हृदय से कह रहे थे। वाजपेयी और भाजपा के कारण ही नवीन पटनायक सरकार चलाने में सफल रहे। नेता प्रतिपक्ष नरसिंह मिश्र ने कहा कि पटनायक यह भली प्रकार जानते हैं कि उनकी सरकार के गठन और संचालन में भाजपा का क्या योगदान रहा। मिश्र ने कहा कि शोक प्रस्ताव के संदर्भ में ये सब चर्चा नहीं होनी चाहिए। पूरक बजट बुधवार को तथा विधान परिषद का गठन गुरुवार को रखा जाएगा।