प्रधान ने चिटफंड घोटाले पर ट्वीट भी किया है। जिसमें कहा हि कि नवीन सरकार 2013 से डूबी रकम लौटाने का वादा कर रही है, पर इस दिशा में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। चिटफंड घोटाले में हालांकि गरीब लोगों की डूबी रकम वापस दिलाने का उनका चुनावी वादा था, पर सरकार बनते ही वह भूल गए। नवीन पटनायक ने इसके लिए 300 करोड़ रुपए का एक कॉरपस फंड बनाया था। लोगों को उम्मीद जगी थी कि अब उनका डूबा हुआ पैसा मिल जाएगा। पर ऐसा नहीं हुआ। चिटफंड घोटाले की जांच कर रहे दास आयोग का कार्यकाल फिर छह माह तक बढ़ाकर मुख्यमंत्री ने न्याय में विलंब यानी न्याय न मिलने वाली कहावत को चरितार्थ किया।
प्रधान का आरोप है कि ओडिशा के गरीबों का पैसा सत्ता दल के मंत्री, विधायक और सांसदों ने मिलकर लूट लिया है। पटनायक इन्हीं लोगों के नेता हैं। यह सब उनकी जानकारी में हुआ है। उन्होंने कहा कि जब भी मुख्यमंत्री वादाखिलाफी झूठ बोलने का आरोप लगाया जाता है तो उनकी पार्टी के नेता डिफेंसिव मोड पर आ जाते हैं। प्रधान ने सवाल उठाया है कि सरोज साहू और नवीन पटनायक के बीच लिंक क्या है।