मिश्रा को प्रधानमंत्री मोदी का विश्वसनीय अधिकारी माना जाता है। उन्हें मिशन क्लीन गंगा का भी प्रभार दिया गया है। वह 2001 से 2004 तक गुजरात में मोदी के मुख्यमंत्रित्व काल में प्रमुख सचिव व फिर मुख्य सचिव पद पर काम कर चुके हैं। उनकी कार्यशैली से खुद मोदी बहुत प्रभावित हैं।
विकास के माध्यम से गुजरात की कायापलट का श्रेय जिन प्रमुख लोगों को जाता है उनमे प्रमोद कुमार मिश्रा (पीके मिश्रा) का भी नाम आता है। मोदी ने उन्हें गुजरात विद्युत नियामक आयोग का चेयरमैन बनाया, तो वह अपने कार्यकाल में मोदी की अपेक्षाओं की कसौटी पर खरे उतरे। अपने 40 साल के कैरियर में वह राज्य व केंद्र में तैनात रहे और बेहतर रिजल्ट दिए। यही वजह है कि रिटायरमेंट के बाद भी उनकी सेवाएं पहले गुजरात सरकार और अब केंद्र सरकार ले रही है। एक दिसंबर 2006 से 31 अगस्त 2008 तक शरद पवार के कृषि मंत्रालय में राष्ट्रीय कृषि विकास कार्यक्रम और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन सफलता पूर्वक क्रियान्वित किया। जीडीपी में कृषि का अपेक्षित योगदान उन्हीं के कार्यकाल में हुआ। नेशनल कैपिटल रीजन प्लानिंग बोर्ड के सदस्य सचिव और सचिव राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन के रूप में उल्लेखनीय सेवाएं दीं।