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राहुल के बाद अब प्रियंका के ओडिशा दौरे को लेकर मची खलबली

locationभुवनेश्वरPublished: Jan 29, 2019 04:31:45 pm

Submitted by:

Prateek

हाल ही में ओडिशा कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं ने पार्टी से किनारा कर लिया है जिसे कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, प्रियंका के कांग्रेस में सक्रिय तौर पर शामिल होने के बाद से कांग्रेस कार्यकर्ताओें में जोश का संचार हुआ है,कार्यकर्ताओं को आशा है कि राहुल और प्रियंका के ओडिशा में दौरा करने से ओडिशा में कांग्रेस का जनाधार फिर से बढेगा…
 

priyanka file photo

priyanka file photo

(पत्रिका ब्यूरो,भुवनेश्वर): ओडिशा कांग्रेस अपनी खोयी हुई जमीन वापस लाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर कसे हुए है। बीती 25 जनवरी को राहुल गांधी के दौरे के बाद कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी का फरवरी में प्रस्तावित ओडिशा दौरे की खबर से राज्य के राजनीतिक हल्कों में खलबली मची है। बीजेडी के साथ बीजेपी के नेता भी चुनावी गुणाभाग लगाने में जुटे हैं। राहुल का मोदी और नवीन पटनायक पर समान हमले के बाद तो पार्टी चर्चा में आ गई। कांग्रेस की कोशिश खुद को बीजेडी और बीजेपी के विकल्प के रूप में प्रस्तुत करने की है। प्रदेश अध्यक्ष निरंजन पटनायक का कहना है कि कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जो राज्य में जनता की आकांक्षाओं के अनुकूल मजबूत विकल्प दे सकती है। उनका कहना है कि राहुल के बाद प्रियंका गांधी का दौरा निश्चित ही ओडिशा की राजनीति में असर डालेगा।


कांग्रेस विधायक दल के मुख्यसचेतक तारा प्रसाद वाहिनीपति का कहना है कि प्रियंका गांधी का कार्यक्रम कोरापुट में लाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए ओडिशा प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह के माध्यम से प्रियंका गांधी का कार्यक्रम ओडिशा के लिए प्रस्ताव राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को भेजा गया है। फरवरी में प्रोग्राम मिलने का आश्वासन दिया गया है।

 

हालांकि चार बड़े नेताओं का पार्टी से जाना ओडिशा प्रदेश कांग्रेस के लिए किसी झटके से कम नहीं था पर राहुल के आगमन ने कार्यकर्ताओं और समर्थकों में नया जोश भर दिया। राहुल गांधी ने श्रीकांत जेना का नाम लेकर बयान देते हुए कहा था कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मालूम हो कि नवदास, जोगेश सिंह, केसी सागरिया और श्रीकांत जेना जैसे दिग्गजों का पार्टी छोड़ना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका था। इस माहौल में पार्टी में जोश भरने का काम राहुल और प्रियंका कर रहे हैं। ओडिशा में कभी कांग्रेस का एक छत्र राज था।

 

कांग्रेस सेवादल इंचार्ज सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जेना कहते हैं कि राहुल गांधी के बाद फरवरी में प्रियंका गांधी का ओडिशा दौरा होने वाला है। कांग्रेस की ओर से आगामी चुनाव के मद्देनजर ओडिशा पर फोकस पार्टी के आधार को और भी मजबूत करेगा। कम से कम राहुल गांधी के दौरे से लगने लगा है कि कांग्रेस को ओडिशा में सफलता मिल सकती है। प्रियंका गांधी इसे और भी मजबूती देंगी। इसी के तहत पार्टी में अनुशासन कायम करने के लिए असंतुष्ट नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। मनोज जेना कहते हैं कि प्रियंका गांधी को राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाने के बाद पूरे देश में पार्टी कार्यकर्ताओं में उनकी लोकप्रियता बढ़ रही है। ओडिशा भी इससे अछूता नहीं है। प्रियंका गांधी की इसी लोकप्रियता को भुनाने के लिए पार्टी जल्द ही उन्हें ओडिशा लाने की कवायद में जुट गई है। पार्टी को लगता है कि जल्द ही तारीख तय हो जाएगी।


प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में आने पर राहुल गांधी खुद कितना उत्साहित दिखते हैं इसका नजारा बुद्धिजीवी संगमन में देखने को मिला जब वह प्रियंका के देर से राजनीति में आने के सवाल का जवाब दे रहे थे। उनका कहना था कि उनके और प्रियंका के विचार बहुत मिलते हैं। उनके राजनीति में आने का विचार कुछ सालों पहले हुआ। राहुल कहते हैं कि वह अभी तक अपने बच्चों को पालने में व्यस्त थी। उन्हें अब पार्टी ने उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी है।


बीजेडी ने प्रभाव को नकारा

बीजू जनता दल की प्रवक्ता सुलोचना दास का कहना है कि कांग्रेस का जनाधार ओडिशा बहुत कम होता जा रहा है। राहुल या प्रियंका का ओडिशा की राजनीति में कोई इम्पैक्ट नहीं है। यहां पर सिर्फ और सिर्फ बीजू जनता दल का बोलबाला है।

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