जानकारी के मुताबिक पुरी से क्योंझर आने-जाने के दौरान बस का हेल्पर नारायन मलिक उसकी जान-पहचान वाला हो गया था। उससे बातचीत भी होने लगी। इसी दौरान नारायण ने यह कहते हुए उसका मोबाइल नंबर मांग लिया कि जरूरत पड़ने पर वह युवती की मदद को उपस्थित हो जाएगा। इसी बीच पीड़िता ने पुरी जाने के लिए भुवनेश्वर में उससे संपर्क किया। वह बस में बैठा कर उसे पुरी ले गया। वहां रात हो गई, तो उसने यह कह कर पीड़िता को बस में ही रात गुजारने को कहा कि अनजान शहर में युवती को दिक्कत होगी, इसलिए वह बस में ही सो जाए।
बहुत समझाने पर पीड़िता मान गई। इसके बाद जब बस से सारी सवारियां उतर गईं, तो उसने पीड़िता के लिए भोजन का इंतजाम किया। भोजने के बाद वह सो गई। करीब आधी रात को अचानक उसकी नींद खुली, तो उसे पीड़ा महसूस हुई। उसने आरोपी को अपने साथ बदसलूकी करते देखा, तो प्रतिरोध करने लगी। पीड़िता के मुताबिक उसने शोर भी मचाया, लेकिन बस के शीशे बंद होने और अधिक रात हो जाने के कारण सन्नाटा होने के चलते संभवतः कोई नहीं आया। फिर भी वह किसी तरह से आरोपी के चंगुल से छूटकर बस से नीचे उतर गई। जिसके बाद उसने पुलिस को शिकायत दी।