scriptrejected by family, got married at the age of 60 | हुआ यह रोग, परिवार ने ठुकराया, 60 पार की उम्र में रचाई शादी | Patrika News

हुआ यह रोग, परिवार ने ठुकराया, 60 पार की उम्र में रचाई शादी

locationभुवनेश्वरPublished: Oct 15, 2023 05:02:48 pm

Submitted by:

Rabindra Rai

रूढि़वादी ग्रामीण समाज में आधुनिक युग में भी यह बीमारी कलंक मानी जाती है। इस बीमारी को लेकर अब भी लोगों की मानसिकता बदली नहीं है। जी हां, हम बात कर रहे हैं कि कुष्ठ रोग की। बालासोर के वकील और सामाजिक कार्यकर्ता निरंजन परीदा ने कहा कि कलंक मानी जाने वाली इस बीमारी को लेकर अब लोगों की मानसिकता बदलने की जरूरत है।

हुआ यह रोग, परिवार ने ठुकराया, 60 पार की उम्र में रचाई शादी
हुआ यह रोग, परिवार ने ठुकराया, 60 पार की उम्र में रचाई शादी
आधुनिक युग में भी कलंक मानी जाती यह बीमारी
बालासोर. रूढि़वादी ग्रामीण समाज में आधुनिक युग में भी यह बीमारी कलंक मानी जाती है। इस बीमारी को लेकर अब भी लोगों की मानसिकता बदली नहीं है। जी हां, हम बात कर रहे हैं कि कुष्ठ रोग की। बालासोर के वकील और सामाजिक कार्यकर्ता निरंजन परीदा ने कहा कि कलंक मानी जाने वाली इस बीमारी को लेकर अब लोगों की मानसिकता बदलने की जरूरत है। कुछ ऐसा ही वाकया सामने आया है ओडिशा के बालासोर में। कुष्ठ रोग होने पर परिवार की ओर से तिरस्कृत एक पुरुष और महिला ने इस बीमारी से मुक्त होने के बाद 60 वर्ष से अधिक की उम्र में एक-दूसरे के साथ जिंदगी गुजारने का फैसला किया और शादी रचा ली।
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4 और 10 साल तक किया इलाज
बालासोर के सदर ब्लॉक के तहत आने वाले सार्था गांव के एक व्यक्ति ने बताया कि जिले के रेमुना ब्लॉक में बामपाड़ा में सरकार की ओर से प्रायोजित कुष्ठ रोग उपचार केंद्र में चार वर्ष तक इलाज कराने वाले दासा मरांडी (63) पुरुष वार्ड में भर्ती रहे क्योंकि उनके परिवार के सदस्यों ने चर्म रोग होने पर उन्हें त्याग दिया था।
कुछ ऐसी ही स्थिति पद्मावती (65) की थी। उसे 10 वर्ष तक उपचार के दौरान अस्पताल में अकेले छोड़ दिया गया। उसके पति की मौत हो गयी थी और परिवार के अन्य सदस्यों ने उसे अपने हाल पर छोड़ दिया।
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स्वस्थ घोषित होने पर भी नहीं अपनाया
दासा और पद्मावती अब बीमारी से उबर चुके हैं। चिकित्सकों की ओर से पूरी तरह स्वस्थ घोषित किए जाने के बावजूद उनके परिवारों ने उन्हें अपनाया नहीं। अपने सगे-संबंधियों की ओर से छोड़ दिए जाने के बाद दासा और पद्मावती ने बाकी की जिंदगी एक साथ गुजारने का फैसला किया है। दासा मरांडी ने बताया कि उनकी इच्छा के अनुसार कुष्ठ रोगी उपचार केंद्र के अन्य रोगियों और कर्मियों ने हिंदू रीति रिवाजों के अनुसार उनकी शादी करायी। हम कई वर्षों से करीब थे। पहले मैंने उन्हें शादी का प्रस्ताव दिया और वह मान गई। वे उपचार केंद्र के नजदीक बने एक पुनर्वास केंद्र में रहेंगे।
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खुशहाल, सामान्य जीवन कर सकते व्यतीत
बालासोर के मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी और अतिरिक्त जिला चिकित्सा अधिकारी ने नवविवाहित बुजुर्ग दंपती के साथ ही कुष्ठ रोग उपचार केंद्र के कर्मचारियों तथा अन्य रोगियों को बधाई दी। बालासोर के अतिरिक्त जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. मृत्युंजय मिश्रा ने कहा कि दोनों पूरी तरह स्वस्थ हो गए हैं और वह दूसरे लोगों की तरह खुशहाल और सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं। उपचार केंद्र की कर्मचारी दुर्गा मणि उपाध्याय ने बताया कि एक मंदिर में विवाह समारोह की व्यवस्था की। शादी का सारा खर्च केंद्र के कर्मचारियों ने वहन किया।
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