राज्य सरकार ने पर्यटन विभाग और चिलिका विकास प्राधिकरण को स्पाइस जेट लिमिटेड तथा एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया के साथ सहयोग करने तथा सी-प्लेन शुरू करने की संभावनाओं पर काम करने को कहा है। चीफ सेक्रेटरी आदित्य पाढ़ी ने वाटर एयरोड्रम में रुचि दिखाते हुए कहा कि राज्य के पर्यटन क्षेत्र में एक नयापन आएगा। इससे देश और विदेश के पर्यटकों के आने की संभावना ब़ढ़ी है। उल्लेखनीय है कि स्पाइस जेट कंपनी ने ओडिसा के तीन क्षेत्रों में सी-प्लेन के शुरू करने का प्रस्ताव दिया है। यह क्षेत्र भुवनेश्वर से पुरी, भितरकनिका से गुजरते हुए भुवनेश्वर से चांदीपुर और भुवनेश्वर से हीराकुड बांध (संबलपुर) है।
उड्डयन मंत्रालय से हरी झंडी मिलने के बाद राज्य के धार्मिक स्थल भी एक दूसरे से जलमार्ग से जुड़ेंगे। नागरिक उड्डन के महानिदेशक ने वाटर एयरोड्रम के लिए नियामक व बाकी जरूरतों के लिए गाइड लाइंस जारी की हैं। मंत्रालय के अनुसार यह प्रोजेक्ट पॉयलट प्रोजेक्ट की तरह होगा।
इस साल जून के मध्य में वाटर एयरोड्रम को लेकर विशेषज्ञों की टीम ने चिलिका झील का निरीक्षण किया था। पर्यटन मंत्री अशोक पंडा ने बताया कि राज्य सरकार पर्यटन विकास के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार कर रही है। इससे ईको-टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। वर्ष 2020 तक देश और विदेश से दो करोड़ 30 लाख तक पर्यटकों के ओडिशा आने की संभावना है। सांस्कृतिक के क्षेत्र में समृद्ध ओडिशा में 480 किलोमीटर मरीन ड्राइव है जिसे विकसित किया जा रहा है। वर्ष 2016-17 में करीब एक करोड़ 30 हजार पर्यटक आए थे जबकि 2015-16 में यह संख्या एक करोड़ 20 लाख ही थी। इसमें 15 प्रतिशत विदेशी पर्यटक थे।