scriptकुंडली गैंगरेप कांड की जांच को एसआईटी गठित की जाए: हाईकोर्ट | SIT should be constituted to investigate Kundli gang rape case: H. C. | Patrika News

कुंडली गैंगरेप कांड की जांच को एसआईटी गठित की जाए: हाईकोर्ट

locationभुवनेश्वरPublished: Nov 19, 2019 07:33:20 pm

Submitted by:

Yogendra Yogi

ओडिशा का बहुचर्चिंत कुंडली गैंगरेप व आत्महत्या कांड पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि इसकी जांच के लिए स्पेशल इनवेस्टीगेटिव टीम यानी एसआईटी गठित की जाए। एसआईटी में तीन ओडिशा पुलिस के डीआईजी रैंक के अधिकारी होंगे।

कुंडली गैंगरेप कांड की जांच को एसआईटी गठित की जाए: हाईकोर्ट

कुंडली गैंगरेप कांड की जांच को एसआईटी गठित की जाए: हाईकोर्ट

भुवनेश्वर-कटक(महेश शर्मा): ओडिशा का बहुचर्चिंत कुंडली गैंगरेप व आत्महत्या कांड पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि इसकी जांच के लिए स्पेशल इनवेस्टीगेटिव टीम यानी एसआईटी गठित की जाए। एसआईटी में तीन ओडिशा पुलिस के डीआईजी रैंक के अधिकारी होंगे। यह जानकारी पीडि़ता के वकील श्रीजी भवसार ने दी।
कोर्ट करेगा मॉनिटरिंग
ओडिशा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश केएस झावेरी दोनो पक्षों की सुनवायी के बाद यह निर्देश दिए। आदेश में कहा गया है कि कोर्ट जांच की मॉनिटरिंग करेगी। कुंडली गैंगरेप केस पर अगली सुनवायी 16 दिसंबर को होगी। वकील भवसार ने बताया कि क्राइम ब्रांच ने इस केस में क्लोजर रिपोर्ट हाईकोर्ट में सौंप दी है। पीडि़ता की मां इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रही है।
जनसुनवाई के नाम पर पहचान की उजागर
आरोप है कि कोरापुट के कुंडली में आदिवासी नाबालिग से 10 अक्टूबर 2017 को गैंगरेप किया गया था। पीड़िता ने 22 जनवरी 2018 को आत्महत्या कर ली थी। इस दौरान सुप्रीमकोर्ट की रोक के बाद भी कुछ लोगां ने अपना नाम चमकाने के चक्कर में पीडि़ता को भुवनेश्वर में एक सभागार में जनसुनवायी मे पेश किया था और उससे लोगों के सवालों के जवाब दिलवाए थे। इन लोगों के खिलाफ भी एफआईआर भी दर्ज है। इस घटना के विरोध में ओडिशा बंद कराया जा चुका है। राजनीतिक दल एसआईटी जांच की मांग कर रहे थे।
सामाजिक लोकलाज के तनाव में की आत्महत्या
पीडि़त मृतका का आरोप था कि 10 अक्टूबर 2017 को स्कूल से लौटते समय उसके साथ सुरक्षाकर्मी की वर्दी पहने लोगों ने बलात्कार किया। इस घटना के बाद पूरे राज्य में आंदोलन हुए। ओडिशा बंद रहा। कुछ कथित सोशल वर्कर्स ने पीडि़ता को एससीबी मेडिकल से लाकर जनसुनवायी कार्यक्रम किया और सार्वजनिक तौर पर उसकी पहचान उजागर कर दी। पीडि़ता से सवाल जवाब का सत्र चलाया। ममता सामंतराय ने इनके खिलाफ नामजद रिपोटज़् दर्ज करायी और गिरफ्तारी की मांग की। सार्वजनिक रूप से पहचान उजागर करने के बाद मानसिक रूप से बेहद परेशान युवती ने 12 जनवरी 2018 को आत्महत्या कर ली। इस घटना को लेकर राजनीतिक दलों ने जमकर रोटियां सेंकी। उच्च न्यायालय ने इस मामले की गंभीरता से समझते हुए एसआईटी गठित करने का आदेश दिया है। न्यायालय इस मामले की निगरानी भी कर रहा है।
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