एक समय नवीन पटनायक के बेहद करीबी थे पंडा
एक समय मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के बेहद दुलारे रहे पूर्व सांसद बैजयंत पंडा की मोदी और उनकी सरकार के मंत्रियों से नजदीकी बीजू जनता दल को रास नहीं आई। और तो और वह लेखों में बीजद को नसीहतें देने लगे। पंडा के पिता बंसीधर पंडा का औद्योगिक साम्राज्य के पीछे पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक का योगदान बताया जाता है। रिश्तों में दरार बढ़ती ही गई। पहले उन्हें पार्टी से निकाला गया फिर उन्होंने इस्तीफा दिया और बाद में लोकसभा सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। पंडा के पिता की मृत्यु के बाद हुए श्राद्ध संस्कार में भाजपा नेताओं की आमदरफ्त कुछ और ही कहानी बयान कर रही थी। कहा जा रहा है कि पंडा के भाजपा में जाने की इबारत तो उसी दिन लिखी जा चुकी थी, जब भाजपा महासचिव राम माधव उनके यहां मातमपुरसी को आए थे। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से उनकी गलबहियां जगजाहिर है।
राजनीति के पुराने खिलाड़ी हैं पंडा
बैजयंत पंडा दो बार राज्यसभा (2000-2009) तथा दो बार लोकसभा (2009-2014 व 2014 से 2018 जुलाई में इस्तीफा दे दिया) के सदस्य रहे हैं। पंडा अपनी इस स्थिति के लिए एक ब्यूरोक्रेट पर नजला उतार रहे हैं। पंडा बीजद नेताओं पर आरोप भी लगाते हैं। वह कहते हैं कि नवीन की नई कोटड़ी सत्ता का दुरुपयोग कर रही है। भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्र बताते हैं कि पंडा का भाजपा में शामिल होना लगभग तय है। यह इसी महीने संभव भी है। तानाबाना तैयार किया जा रहा है। राजनीतिक गलियारों में चल रही चर्चा को अगर माना जाए, तो पंडा इस महीने के ही अंतिम सप्ताह में किसी समारोह के दौरान साथियों समेत भाजपा का दामन थाम सकते हैं।