भुवनेश्वर

गले में भाजपाई पटका डाले दिखे नवीन पटनायक के पुराने करीबी पंडा, भाजपा में शामिल होने की चर्चाओं को बल मिला

ओडिशा के राजनीतिक गलियारों में घूम रहे लाख टके के सवाल का जवाब शायद मिल गया है। हाल ही लोकसभा से इस्तीफा देने वाले पूर्व बीजद सांसद बैजयंत जय पंडा का भाजपा में जाना लगभग तय हो गया है

भुवनेश्वरAug 02, 2018 / 05:59 pm

Shailesh pandey

jai panda

(महेश शर्मा की रिपोर्ट )

भुवनेश्वर। ओडिशा के राजनीतिक गलियारों में घूम रहे लाख टके के सवाल का जवाब शायद मिल गया है। हाल ही लोकसभा से इस्तीफा देने वाले पूर्व बीजद सांसद बैजयंत जय पंडा का भाजपा में जाना लगभग तय हो गया है। जॉइनिंग से पहले वह भगवा दुपट्टा धारण किए और बधाई स्वीकारते हुए देखे जा रहे हैं। इसी के साथ अब यह भी साफ हो गया है कि अब न वे नई पार्टी बनाने जा रहे हैं और न ही राजनीति से उनकी विरक्ति हुई है। वह भाजपा में शामिल होंगे, वह भी इसी महीने। कहा जा रहा है कि भाजपा ने उनकी भूमिका भी तय कर दी है। अपने निर्वाचन क्षेत्र केंद्रपाड़ा से अबकी पंडा कमल का फूल खिलाने की कोशिश में जुट गए हैं। भरोसेमंद सूत्र बताते हैं कि महीने के अंतिम सप्ताह में किसी भव्य कार्यक्रम में समर्थकों के साथ पंडा औपचारिक तौर पर भाजपा का दामन थामेंगे।

 

एक समय नवीन पटनायक के बेहद करीबी थे पंडा


एक समय मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के बेहद दुलारे रहे पूर्व सांसद बैजयंत पंडा की मोदी और उनकी सरकार के मंत्रियों से नजदीकी बीजू जनता दल को रास नहीं आई। और तो और वह लेखों में बीजद को नसीहतें देने लगे। पंडा के पिता बंसीधर पंडा का औद्योगिक साम्राज्य के पीछे पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक का योगदान बताया जाता है। रिश्तों में दरार बढ़ती ही गई। पहले उन्हें पार्टी से निकाला गया फिर उन्होंने इस्तीफा दिया और बाद में लोकसभा सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। पंडा के पिता की मृत्यु के बाद हुए श्राद्ध संस्कार में भाजपा नेताओं की आमदरफ्त कुछ और ही कहानी बयान कर रही थी। कहा जा रहा है कि पंडा के भाजपा में जाने की इबारत तो उसी दिन लिखी जा चुकी थी, जब भाजपा महासचिव राम माधव उनके यहां मातमपुरसी को आए थे। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से उनकी गलबहियां जगजाहिर है।

 

राजनीति के पुराने खिलाड़ी हैं पंडा

 

बैजयंत पंडा दो बार राज्यसभा (2000-2009) तथा दो बार लोकसभा (2009-2014 व 2014 से 2018 जुलाई में इस्तीफा दे दिया) के सदस्य रहे हैं। पंडा अपनी इस स्थिति के लिए एक ब्यूरोक्रेट पर नजला उतार रहे हैं। पंडा बीजद नेताओं पर आरोप भी लगाते हैं। वह कहते हैं कि नवीन की नई कोटड़ी सत्ता का दुरुपयोग कर रही है। भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्र बताते हैं कि पंडा का भाजपा में शामिल होना लगभग तय है। यह इसी महीने संभव भी है। तानाबाना तैयार किया जा रहा है। राजनीतिक गलियारों में चल रही चर्चा को अगर माना जाए, तो पंडा इस महीने के ही अंतिम सप्ताह में किसी समारोह के दौरान साथियों समेत भाजपा का दामन थाम सकते हैं।

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