बीजद के भीतर छिड़ा घमासान खुलकर सतह पर आ गया है। दामोदर ने कोऑपरेटिव बैंक लोन में 800 करोड़ रुपए के घोटाले तथा ओमफेड के दूध के पैकेट खरीद में 60 करोड़ के घोटाला के आरोप लगाए थे और प्रमाण भी दिए थे। दामोदर ने कहा कि एक षड़यंत्र के तहत पार्टी में उनकी हैसियत शून्य कर दी गई है। अब उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए कुछ और बचा है क्या?
जगतसिंहपुर जिला अध्यक्ष विष्णुचरण दास और विधायक मुडुली ने राउत के खिलाफ अलग-अलग पत्र नवीन पटनायक को सौंपे। दोनों ने राउत पर पार्टी को कमजोर करने का षड़यंत्रकर्ता बताया। राउत ऐसे कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं, जिसमें कांग्रेस और भाजपा के लोग सरकार की खुली आलोचना करते हैं। इस पर दामोदर राउत कहते हैं कि मुझे कैबिनेट मंत्री, पार्टी उपाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों से बाहर कर दिया गया। नवीन से मिलने वाले कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष दास और विधायक मुडुली के लोग हैं, जिन्हें पैसा देकर भेजा गया।
दामोदर राउत के इन बयानों ने सरकार को मुश्किल मे डाला 1. अंग्रेजों के खिलाफ पहली लड़ाई पाइक विद्रोह के योद्धा रहे जयी राजगुरु स्वतंत्रता सेनानी हैं या नहीं। दामोदर राउत कहते हैं कि जयी राजगुरु स्वतंत्रता सेनानी नहीं हैं। उनकी लड़ाई तो महज दो परगना हासिल करने को लेकर थी।
2. जाजपुर की मीटिंग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर अपमानजनक टिप्पणी मामले में दामोदर राउत को माफीनामा का वीडियो तक जारी करना पड़ा। 3. बीजद का कांग्रेस के साथ गठजोड़ वाले बयान पर पटनायक को बार-बार सफाई देनी पड़ी। भाजपा और कांग्रेस से समान दूरी रखने का बयान जब नवीन पहले भी दे चुके हैं तो फिर गठजोड़ की संभावना का बयान दामोदर राउत क्यों दे रहे हैं, यह बात शायद नवीन बाबू भी नहीं समझ पा रहे हैं।
4. राउत अपनी ही पार्टी के तीन नेताओं को भूत कहकर चर्चा में आए बीजद के वरिष्ठ नेता कृषि मंत्री दामोदर राउत ने सफाई में कहा था कि मुख्यमंत्री ने जब उनसे गाड़ी में बैठने को कहा तो गाड़ी में तीन नेता देवाशीष सामंतराय, प्रताप जेना एवं विष्णु दास पहले से बैठे हुए थे। इन्हें देख कर मैं डर गया और इन्हें भूत समझ लिया।