तीन सदस्यीय ट्रिब्यूनल में जस्टिस एएम खांविल्कर, जस्टिस रवि रंजन और जस्टिस इंदरमीत कौर हैं। ओडिशा सरकार दिसंबर 2016 को अदालत गई थी और महानदी के ऊपरी हिस्से में छत्तीसगढ़ को प्रोजेक्टों पर निर्माण कार्य रोकने का आदेश देने की मांग की थी। ओडिशा का कहना है कि इससे उस राज्य में नदी का प्रवाह प्रभावित होता है। ट्रिब्यूनल महानदी बेसिन में जल की कुल उपलब्धता के आधार पर नदी के तटीय क्षेत्रों के राज्यों में पानी की हिस्सेदारी सुनिश्चित करेगा। इसके तहत प्रत्येक राज्य के योगदान, जलसंसाधनों के वर्तमान उपयोग और भविष्य में इसके विकास की क्षमता पर भी ध्यान दिया जाएगा।