बोफोर्स, हर्षद मेहता घोटाला 2013
सिंघवी ने कहा कि वर्ष 1989 के बोफोर्स तोप में हुए कथित घोटाले के लिए बीजेपी ने जेपीसी की मांग की थी, इसके अलावा वर्ष 1992 के हर्षद मेहता घोटाला और वर्ष 2013 में वीआईपी हेलीकाप्टर के मामले जेपीसी का गठन किया गया था। उन्होंने कहा कि यह प्रत्यक्ष तौर पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का मामला बनता है। राष्ट्रीय प्रवक्ता के अनुसार सरकार का कहना है कि है कि अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस और रफाल की कंपनी दसाल्ट के बीच 2012 से संबंध है। सत्यता यह है कि अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस को मोदी की फ्रांस यात्रा से महज 15 दिन पहले पंजीकृत किया गया था। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस डील में एचएएल का नाम कहीं नहीं था। सच्चाई यह है कि मार्च 2014 में रफाल विमान को खरीदने के लिए एचएएल की दसाल्ट से बातचीत शुरू हो गयी थी। इसकी पुष्टि दसाल्ट के पत्रों में की गयी है। उनका आरोप है कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को फंसाने का काम किया है।
मोदी जी जवाब दो
1) 540 का जहाज 1640 क्यों?
2) 126 की जगह 36 ही क्यों?
3) एचएएल के बदले रिलायंस क्यो?
4) तकनोलॉजी ट्रांसफर क्यो नही हुई?
5) फ्रांस सरकार से गारण्टी क्यों नही ली?
6) जेपीसी गठित क्यों नही कर रहे?
7) इस मुद्दे पर प्रेस वार्ता क्यों नही कर रहे?
जेपीसी यानी जल्दी पकड़ो चौकीदार
सिंघवी ने चुटकी लेते हुए कहा कि जेपीसी का मतलब जल्दी पकड़ो चौकीदार है। शायद इसीलिए रफाल जांच सरकार जेपीसी को नहीं दे रही है।