सीएम ने कहा धन्यवाद…
इस दायरे को सरकार ने श्रीमंदिर सिक्युरिटी जोन का नाम दिया है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मंगलवार को भूमि देने वालों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि 40 दिन पूर्व की गई अपील का असर यह रहा कि लोगों ने खुद पहल की।
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बता दें कि बजट सत्र के दौरान केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने देश के प्रमुख 17 पर्यटन स्थलों के विश्वस्तरीय विकास का प्रस्ताव रखते हुए बजट में प्रावधान किया था। इसमें ओडिशा का एक भी पर्यटक स्थल शामिल नहीं था। ओडिशा सरकार इस बात से नाराज चल रही है। केंद्र से निराशा हाथ लगने पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व में सरकार खुद पुरी को वल्र्ड हेरिटेज सिटी बनाने के काम में लग गई है।
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श्रीमंदिर के 75 मीटर के दायरे मे आने वाले ढांचों के ध्वस्तीकरण दौरान में भी पुरी के लोगों ने कोई विरोध नहीं किया। जिला प्रशासन के अनुसार जगन्नाथ मंदिर व आसपास विकास के लिए मंजूर पांच सौ करोड़ रुपए पुरी को विश्व हेरिटेज में परिवर्तित कर देगी। सदियों पुराने एमार मठ, लंगुली मठ जैसे ढांचे भी गिराए गए। बस इनका मंदिर शेष है।
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यह कार्रवाई ओडिशा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज बीपी दास की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट के अनुसार ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गयी। पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने इस पर एतराज जताया पर यह बेअसर रहा। उनका कहना है कि सुप्रीमकोर्ट द्वारा भेजे गए न्याय मित्र और दास आयोग ने कोई राय मशविरा नहीं किया। पुरी में 16 हजार मंदिर और साढ़े चार सौ मठ बताए जाते हैं। जिलाधिकारी बलवंत सिंह ने बताया कि विकास कार्य जल्द ही शुरू किया जाएगा।