सूत्र बताते हैं कि बीजद को लगता है कि भाजपा पंडा के लोकसभा से इस्तीफा स्वीकारने में विलंब का राजनीतिक लाभ उठा सकती है। ओडिशा में सत्ताधारी पार्टी बीजद बैजयंत के निर्वाचन क्षेत्र केंद्रपाड़ा में उप चुनाव चाहती है।
महताब ने लोकसभा अध्यक्ष को यह पत्र सात जुलाई को लिखा था। उन्होंने कहा कि पंडा ने बीजद की प्राथमिक सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया है और उसके बाद लोकसभा अध्यक्ष को भी त्यागपत्र भेज दिया। दलबदल विरोधी कानून के तहत अब उनका सांसद बने रहना असंवैधानिक है। अब तो वह असंबद्ध सदस्य के रूप में भी नहीं रह सकते। महताब ने कहा कि बैजयंत पंडा लंबे समय से पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहे हैं।
गौरतलब है कि पंडा को बीजद से 24 जनवरी को निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद पंडा ने 28 मई को खुद ही पार्टी छोड़ दी थी। पंडा के बिजद छोड देने के बाद से राजनीतिक महकमे में यह कयास लगाए जाने लगे कि पंडा किस पार्टी में शामिल होंगे। भाजपा नेताओं के साथ बढती नजदीकियों को देखते उनकी भाजपा में शामिल होने की अटकले तेज हो गई। भाजपा में शामिल होने की बात को लेकर पंडा ने बयान दिया था कि उनके लिए हर विकल्प के दरवाजे खुले है। ऐसी बातों के सामने आने के बाद से ही बीजद नेताओं को इस बात का डर है कि यदि पंडा का इस्तीफा स्वीकारने में देर हुई तो भाजपा इस मौके का फायदा उठाकर पंडा को अपने साथ ले लेगी।