बीजद संसदीय दल के नेता भर्तर्हरि महताब का कहना है कि बीते 14 साल से जिसमें दस साल यूपीए सरकार के और 4 साल नरेंद्र मोदी के नेतृत्व एनडीए सरकार का कार्यकाल रहा दोनों ने ही ओडिशा के लिए अन्याय किया। आजकी लोकसभा में बहस का ओडिशा को कोई लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे में बीजद सांसदों का बहस में भाग लेने का कोई औचित्य नहीं है। सदन शुरू होते ही बीजद सांसदोनों ने वाक आउट किया। इस प्रकार की लोकसभा सदस्यों की संख्या 514 रह गयी।
सांसद पिनाकी मिश्रा का कहना है कि बीजद अपनी पूर्व नीति पर कायम है। भाजपा और कांग्रेस से समान दूरी बनाए रखना है। वाक आउट करना इसी रणनीति का हिस्सा है। पार्टी अध्यक्ष नवीन पटनायक पहले से ही कह रहे है कि बीजू जनता दल दोनों ही दलों से समान दूरी बनाकर रखा। अंत में दल की भूमिका पटनायक को तय करनी है। मालूम हो कि बीजद को 15 मिनट का समय दिया गया था। बैजयंत पंडा के त्यागपत्र के बाद बीजद के 19 सांसद रह जाते हैं।
इधर संसद के मॉनसून सत्र में राहुल गांधी का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गले मिलना चर्चा का विषय बन गया। जहां कांग्रेस नेता इसे सौहार्द की दृष्टि से देख रहा है वहीं भाजपा व अन्य पार्टियां इस बात को लेकर चुटकी ले रही हैं। भाजपा ने इस घटनाक्रम को फिल्म की तरह स्क्रिप्टेड बताया गया। सोशल मीडिया पर भी इसी बात की चर्चा की जा रही है।