इस वजह से रातभर अटका रहा रथ
शनिवार को करीब चार बजकर 15 मिनट पर श्रीमंदिर के बड़़दंड सिंहद्वार से भक्तों ने रथ को खींचना शुरू किया था। करीब आठ बजे रथ अनियंत्रित होकर गुंडिचा के करीब एक किलोमीटर पहले बलगंडी चौक के पास बने एक स्कूल के सामने बने अस्थायी सूचना केंद्र के ढांचे से टकरा गया। ढांचा ध्वस्त हो गया, जिसे हटाया गया। रथयात्रा में व्यवधान के कारण रात भर रथ वहीं पर खड़ा रहा। रथ को निकालने के लिए एक पेड़ आड़े आ गया, जिसकी मोटी-मोटी शाखाएं काटी गईं। इस बीच भारी संख्या में भक्तगण दर्शन करते रहे।
जय जगन्नाथ के उद्घोष के बीच खींचा गया रथ
रविवार को करीब 11 बजे फिर महाप्रभु का रथ खींचना शुरू हुआ। भजन संगीत, जय जगन्नाथ के गगनभेदी उद्घोष के बीच बड़ी सावधानी से रथ गुंडिचा ले जाया गया। वहां पर पहले से ही बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथ खड़े थे। श्रीमंदिर प्रशासन के पीआरओ लक्ष्मीधर पूजापंडा का कहना है कि रुकावट आई थी, जिसे दूर कर दिया गया। समस्त रीतिनीति विधिवत संपन्न किए जा रहे हैं।