कार्यवाहक अध्यक्ष प्रदीप माझी ने मलकानगिरि से यह प्रक्रिया 30 मार्च 2018 से शुरू कर दी है। माला माझी को मलकानगिरि विस सीट का प्रत्याशी राज्य इकाई ने घोषित करके केंद्रीय नेतृत्व को अवगत भी करा दिया है। लोकसभा सीटों के लिए पैनल भी जुलाई के दूसरे हफ्ते तक कांग्रेस हाईकमान को भेज दिए जाएंगे। इसी 15 जुलाई तक बूथ कमेटियों का गठन का काम पूरा हो जाएगा। 33 जिला और नगर अध्यक्षों की घोषणा की जा चुकी है।
पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने जिन पांच राज्यों की स्क्रीन कमेटी का गठन किया है, उनमें ओडिशा भी है। वीडी साथिसन चेयरमैन हैं। जितिन प्रसाद और नौशाद सोलंकी को सदस्य बनाया गया है। प्रदेश अध्यक्ष निरंजन पटनायक का कहना है कि प्रत्याशियों को क्षेत्र में इतना समय दिया जाएगा कि वे जनता से तालमेल बैठा सकें। सीटों के लिहाज से हालांकि कांग्रेस ओडिशा में नंबर दो पार्टी है पर अंतर भारी है। कुल 147 सीटों में कांग्रेस के पास 15 सीटें हैं। पार्टी के सामने पहली चुनौती अपना खोया हुआ आधार वापस लाने की है। हालांकि ओडिशा प्रभारी पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह कहते हैं कि जुलाई तक प्रत्याशियों की सूची फाइनल कर दी जाएगी और उसके बाद घोषित करने का काम शुरू हो जाएगा। राज्य इकाई की चुनाव घोषणा पत्र कमेटी के चेयरमैन श्रीकांत जेना कहते हैं कि प्रत्याशी चयन में पिछड़ी जातियों पर विशेष ध्यान रहेगा। उन्होंने राहुल गांधी को इस आशय का पत्र भी लिखा है।
विस व लोस चुनाव में कांग्रेस का रिपोर्ट कार्ड
2004 के आम चुनाव में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में 38 सीटें जीतीं, तो 2009 में उसकी 11 सीटें घट गईं और वह 27 पर ही सिमट कर रह गई। 2014 में तो हालत और भी खराब हो गई। पार्टी को 16 सीटों पर संतोष करना पड़ा। बिजैपुर सीट से पार्टी के विधायक सुबल साहू की मृत्यु के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस बुरी तरह हार गई। फिलहाल उसके पास विधानसभा में 15 ही विधायक बचे हैं। उसे मिले वोटों का प्रतिशत भी घटता रहा। उसे तीनों चुनाव में क्रमशः 34.8 फीसदी, 29 और 26 फीसदी ही वोट मिला। 2014 के लोकसभा चुनाव में तो पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली। राज्य में 21 लोस सीटें हैं, जिसमें 20 बीजू जनता दल व एक भाजपा के पास है। हालांकि लोस चुनाव में कांग्रेस को मिले वोट का प्रतिशत भाजपा से ज्यादा था। यह क्रमशः 26.4 फीसदी व 21.9 फीसदी है। जिला परिषद चुनाव में तो कांग्रेस का फूहड़तम प्रदर्शन रहा। कुल 853 सीटों में से कांग्रेस के हिस्से में कुल 60 ही आई। उसे 67 सीटों का नुकसान रहा।