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2022 तक पूरा होगा कोयला गैसीकरण आधारित तालचर के फर्टिलाइजर प्रोजेक्ट का काम:धर्मेंद्र प्रधान

locationभुवनेश्वरPublished: Jul 17, 2018 02:51:05 pm

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Prateek

तालचर फर्टिलाइजर लिमिटेड कंपनी गेल, सीआईएल व एफसीआईएल का संयुक्त उपक्रम है…

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महेश शर्मा की रिपोर्ट…

(भुवनेश्वर): पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कोयला आधारित गैस से तालचर रसायनिक उर्वरक प्रोजेक्ट 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। यह तालचर फर्टिलाइजर लिमिटेड द्वारा विकसित किया जा रहा है।

 

प्रधान ने की प्रोजेक्ट की समीक्षा

प्रधान ने सोमवार को नई दिल्ली में इस प्रोजेक्ट की समीक्षा की। इस अवसर पर गैस अथारिटी ऑफ इंडिया के सीएमडी बीसी त्रिपाठी व निदेशक आशुतोष कर्नाटक भी थे। उनका कहना है कि तालचर का यह फर्टिलाइजर प्लांट देश का पहला प्लांट होगा कोयला से उत्पन्न गैस पर आधारित होगा। इस प्लांट की क्षमता 1.27 मीट्रिक मिलियन टन प्रतिवर्ष है। इस पर 11,600 करोड़ का निवेश होने का अनुमान है।

 


तालचर फर्टिलाइजर लिमिटेड कंपनी गेल, सीआईएल व एफसीआईएल का संयुक्त उपक्रम है। तालचर फर्टिलाइजर के सीईओ जेएस सैनी ने बताया कि इसके लिए पर्यावरण क्लियरेंस और कोल गैसीफिकेशन टेक्नोलॉजी मिल चुकी है। कंपनी को तालचर रीजन में कोल माइंस भी आवंटित की जा चुकी है। इसके 2022 तक पूरा होने की संभावना है। मालूम हो कि विश्व की सबसे बडी कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और सरकारी गैस कंपनी गेल इंडिया लिमिटेड ने कोयले को गैस में परिवर्तित करने वाले एक संयंत्र में 9,000 करोड़ रुपए निवेश करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। बताते हैं कि अब निवेश के साथ ही समय भी बढ़ गया है।

 

ऐसे हो सकेगा गैस का इस्तेमाल

इस गैस का इस्तेमाल उर्वरक (फर्टिलाइजर) कारखाने को चलाने में ईंधन के रुप में किया जाएगा। सीआईएल तथा गेल के साथ साथ राष्ट्रीय केमिकल्स ऐंड फर्टिलाइजर्स (आरसीएफ) और फर्टिलाइजर कॉर्प ऑफ इंडिया लिमिटेड (एफसीआईएल) मिलकर ओडिशा के तलचर में एकीकृत कोयला गैसीकरण तथा उर्वरक और अमोनियम नाइट्रेट परिसर की स्थापना करेंगे। दो संयुक्त उद्यम- पहला कोयले को कृत्रिम गैस या सिनगैस में तब्दील करने वाला उद्यम और दूसरा यूरिया तथा अन्य उर्वरकों का उत्पादन करने वाला सयंत्र- इन दोंनों से इस एकीकृत संयंत्र का निर्माण पूरा होगा।

 

 

कोयले से गैस उत्पादन करने वाले संयुक्त उद्यम का नाम-गेल कोल गैस इंडिया लिमिटेड होगा। गेल इंडिया की इसमें 35 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। एफसीआईएल की 11 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी जबकि आरसीएफ तथा कोल इंडिया प्रत्येक की तीन प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। उद्यम की शेष 48 प्रतिशत हिस्सेदारी प्रौद्योगिकी प्रदाताओं और वित्तीय संस्थानों को दी जाएगी। तलचर केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड नामक दूसरे संयुक्त उद्यम में आरसीएफ और सीआईएल प्रत्येक की 40 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी जबकि गेल और एफसीआईएल की इसमें 10-10 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। मंत्री ने कहा कि संयंत्र में सालाना 13 लाख टन यूरिया और अन्य उर्वरकों का उत्पादन होगा।

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