बीजापुर

माओवादियों की इन घोर यातनाओं को झेलने के बाद जब सखी सेंटर से अपने घर लौटी दो युवतियां, फिर….

मानसिक यातना झेलने के बाद युवतियां आखिरकार अपने परिजनों के पास लौंटी
 

बीजापुरJan 30, 2020 / 04:35 pm

Badal Dewangan

माओवादियों की इन घोर यातनाओं को झेलने के बाद जब सखी सेंटर से अपने घर लौटी दो युवतियां, फिर….

बीजापुर. माओवादियों के चंगुल में रहकर घोर मानसिक यातना झेलने के बाद मुक्त कराई गईं दो युवतियां आखिर सखी सेंटर के माध्यम से अपने घर लौट गईं। सखी सेंटर ने उन्हें उनके परिजनों को सौंप दिया।

माओवादी उन्हें घर से ले आए और संगठन में भर्ती करने के नाम पर प्रशिक्षण दे रहे थे
इधर नई दिल्ली से दलालों से मुक्त कराई गई तीन बालिकाओं को सखी सेंटर में अभी आश्रय दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक सुकमा जिले के चिंतागुफा थाने से कुछ दिन पहले फोर्स सर्चिंग पर निकली थी। कुमोड़तोंग गांव के पास माओवादी जवानों को देख भाग गए। वहां दो युवतियां मिलीं। यह युवतियां उसूर ब्लॉक की थीं। इन युवतियों ने पुलिस को बताया कि माओवादी उन्हें जबरिया घर से ले आए थे और संगठन में भर्ती करने के नाम पर उन्हें प्रशिक्षण दे रहे थे। वह एक माह से माओवादियों के साथ थीं।

दो माह पहले बहला फुसला कर ले गए थे दिल्ली
युवतियों ने पुलिस से मदद मांगी और परिजनों तक पहुंचाने की गुहार लगाई। दोनों युवतियों को पुलिस ने सखी वन स्टॉप सेंटर सुकमा के हवाले कर दिया। इसके बाद उन्हें सखी वन स्टॉप सेंटर बीजापुर भेजा गया। यहां इनकी 19 से 25 जनवरी तक आश्रय दिया गया और काउंसिलिंग के बाद 25 जनवरी को थाने के माध्यम से उन्हेें परिजनों के सुपूर्द किया गया। इन युवतियों को सहयोग राषि भी दी गई। एक और मामला भी इसी माह सामने आया। 18 जनवरी को कोमला गांव के एक व्यक्ति ने नैमेड़ थाने में रिपोर्ट लिखाई कि उनकी बेटी को छह माह पहले बहला फुसलाकर नई दिल्ली ले जाया गया है। जांच के दौरान पता चला कि मिंगाचल और दुगोली की दो और बालिकाओं को भी बड़े शहरों में इसी तरह ले जाया गया है।

काउंसिलिंग के बाद उन्हें परिजनों को सौंप दिया जाएगा
पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल ने इन बालिकाओं को लाने एक विषेष टीम दिल्ली भेजी। वहां से इन तीनों बालिकाओं को मुक्त कराकर यहां लाया गया। बालिकाओं को सखी सेंटर बीजापुर में 26 जनवरी से अब तक आश्रय दिया गया है। इस बारे में सखी वन स्टॉप सेंटर की केन्द्र प्रषासक कु तुलिका सतपथी ने बताया कि दो युवतियों को काउंसिलिंग कर उन्हें परिजनों को सौंपा गया है। तीन बालिकाओं को अभी आश्रय दिया गया है। काउंसिलिंग के बाद उन्हें भी थाने के माध्यम से परिजनों को सौंप दिया जाएगा। उनके परिजनों का इंतजार किया जा रहा है।

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