नक्सली नेता ने जवान को किसी तरह के नुकसान नहीं पहुंचाने का आश्वासन दिया है। नक्सलियों ने समय आने पर जवान को छोड़ देने का आश्वासन दिया है। बता दें कि कोबरा कटालियन के आरक्षक राकेश्वर सिंह मनहास का मुठभेड़ के बाद से कोई सुराग नहीं मिल पाया है।
बीजापुर के तर्रेम और सिलगेर के बीच शनिवार को नक्सलियों और पुलिस के बीच हुई मुठभेड़ में जवानों की शहादत का आंकड़ा रविवार तक 22 पर पहुंच गया। पहले दिन जहां 6 जवानों के शव बरामद होने की पुष्टि हुई तो वहीं रविवार को 16 अन्य जवानों के शव घटना स्थल से बरामद हुए। वहीं एक जवान अब भी घटना स्थल से लापता है।
ये है शहीद जवानों के नाम
डीआरजी के 8 जवान उप निरीक्षक दीपक भारद्वाज, प्रधान आरक्षक रमेश कुमार जुर्री, नारायण सोढ़ी, आरक्षक रमेश कोरसा, सुभाष नायक, सहायक आरक्षक किशोर एंड्रिक, सनकूराम सोढ़ी और भोसाराम करटामी हैं।
एसटीएफ के 6 जवान – प्रधान आरक्षक श्रवण कश्यप, आरक्षक रामदास कोर्राम, जगतराम कंवर, सुखसिंह फरस, आरक्षक रमाशंकर पैकरा और शंकर नाग शामिल हैं।
कोबरा 210 बटालियन के 7 जवान
निरीक्षक दिलीप कुमार दास, प्रधान आरक्षक राजकुमार यादव, शंभूराय, धर्मदेव कुमार, सखा मुरारी कृष्ण, बबलू रंभा । इनके अलावा बस्तरिया बटालियन के आरक्षक समैया माड़वी शहीद हुए हैं, जबकि कोबरा कटालियन के आरक्षक राकेश्वर सिंह मनहास का मुठभेड़ के बाद से कोई सुराग नहीं मिल पाया है।