बताया गया है कि सुबह जब वह कैम्प से निकला, तो वह सामान्य था और उसने अपने सहकर्मिंयों से बातचीत भी की। शुक्रवार की सुबह उसका शव जिला मुख्यालय से करीब पंद्रह किमी दूर पदेड़ा गांव के समीप रोड में मिला। उसके सिर के पिछले हिस्से में रोड से घसीटे जाने के निशान पाए गए। हाथ रस्सी से बंधे होने के कारण सूजे हुए थे। गले में भी रस्सी के निशान थे। समझा जाता है कि उनकी हत्या रस्सी से गला घोंटकर की गई है। शव के समीप एक माओवादी पर्चा बरामद किया गया। ये पर्चा भाकपा माओवादी की गंगालूर एरिया कमेटी की ओर से जारी किया गया है। इसमें मन्नूलाल पर पुलिस की मुखबिरी करने और जनता पर अत्याचार करने का आरोप लगाया गया है।
कपड़े बदले हुए थे
कपड़े बदले हुए थे
सीएएफ के सूत्रों ने बताया कि जब वह कैम्प से निकला था, तब वह लोवर व शर्ट पहने था लेकिन शुक्रवार की सुबह उसके कपड़े बदले पाए गए। समझा जाता है कि अपहरण के दौरान उसके कपड़े माओवादियों ने बदलवा दिए। सुबह करीब आठ बजे कोतवाली पुलिस ने शव बरामद किया। बिलासपुर जिले के कोनी थाना क्षेत्र के रमतला गांव के निवासी मन्नूलाल सूर्यवंशी का पीएम जिला हॉस्पिटल में किया गया। मन्नूलाल का परिवार रमतला में रहता है। वहां उनकी पत्नी, एक बेटा और दो बेटियां हैं।
महीने भर में छह बड़ी वारदातों में 8 की मौत
माओवादियों द्वारा 1 माह के अंदर जिले में 6 हमले को अंजाम दिया गया। जिसमें एक एएसआई, दो सहायक आरक्षक की हत्या की गई। वहीं एक सहायक आरक्षक माओवादी हमले में बुरी तरह जख्मी हुआ। एक रेंजर की हत्या की गई तो वहीं 4 निर्दोष आदिवासियों पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर माओवादियों ने जनअदालत में मार डाला।
माओवादियों द्वारा 1 माह के अंदर जिले में 6 हमले को अंजाम दिया गया। जिसमें एक एएसआई, दो सहायक आरक्षक की हत्या की गई। वहीं एक सहायक आरक्षक माओवादी हमले में बुरी तरह जख्मी हुआ। एक रेंजर की हत्या की गई तो वहीं 4 निर्दोष आदिवासियों पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर माओवादियों ने जनअदालत में मार डाला।
क्या है पायनियर कंपनी
सीएएफ की 17 वीं बटालियन की पायनियर कंपनी में मन्नूलाल लोहार ट्रेड में था। इस कंपनी का काम पुलिस के कैम्प, भवन आदि का निर्माण करना है। जिले में कंपनी अभी यही ही काम कर रही है। इसमें कई इंजीनियर भी हैं। इस कंपनी में मेसन, इलेक्ट्रिशियन, नलसाज, बढ़ई, मेकेनिकल, लोहार आदि के ट्रेंड हैं। इस कंपनी का एंटी नक्सल ऑपरेशन से कोई सरोकार नहीं है।
सीएएफ की 17 वीं बटालियन की पायनियर कंपनी में मन्नूलाल लोहार ट्रेड में था। इस कंपनी का काम पुलिस के कैम्प, भवन आदि का निर्माण करना है। जिले में कंपनी अभी यही ही काम कर रही है। इसमें कई इंजीनियर भी हैं। इस कंपनी में मेसन, इलेक्ट्रिशियन, नलसाज, बढ़ई, मेकेनिकल, लोहार आदि के ट्रेंड हैं। इस कंपनी का एंटी नक्सल ऑपरेशन से कोई सरोकार नहीं है।