कोयलीबेड़ा ब्लॉक के ग्राम पंचायत कामटेड़ा में पूर्व माध्यमिक शाला के आठवीं तक के बच्चे आज भी झोपड़ी में पढऩे को मजबूर हैं। भवन स्वीकृत होने के बाद भी निर्माण कार्य वर्षों से अधर में लटका पड़ा है। लिहाजा भवन के अभाव में पूर्व माध्यमिक शाला के 28 बच्चे झोपड़ी में पढऩे को मजबूर हैं। पालकों ने बताया कि पूर्व माध्यमिक शाला की स्वीकृति 2014 में शासन से मिली है।
6 साल से इस स्कूल के बच्चे झोपड़ी में अध्ययन कर रहे हैं। लाखों का बजट स्वीकृत होने के बाद स्कूल भवन नहीं बनाया जा रहा है। यहां स्कूल के सिर्फ आठवीं तक के बच्चों को टेबल बेंच बैठने को मिल रहा है, बाकी छठवीं और सातवीं के बच्चों को जमीन पर बैठकर अध्ययन करना पड़ रहा है।
सबसे अधिक परेशानी तो बरसात के दिनों में होती है, जब खपरैल से टपकने वाले पानी से कॉपी पुस्तकें खराब हो जाती है। बच्चे भींगने से बचने के लिए इधर, उधर छिपते नजर आते हैं। इस शाला में पढ़ाई का स्तर कैसा होगा ,इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है। तीनों कक्षा के लिए सिर्फ एक मात्र शिक्षक हैं। आज तक न ही शिक्षा विभाग का जिम्मेदार अधिकारी शाला तक पहुंचा है न ही जनप्रतिनिधि ने ध्यान दिया।
6 साल से शाला के बच्चे झोपड़ी जैसे खपरैल स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं। गांव के उप सरपंच सतउ राम दुग्गा ने बताया कि भवन 2014 से स्वीकृत हुआ है। पर बजट नहीं मिलने से भवन नहीं बन रहा है। जिस कारण बच्चों को परेशानी हो रही है। भवन के लिए मांग भी किया गया है।
आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। हमारे बच्चों को झोपड़ी में जमीन पर बैठकर पढ़ाई करना पड़ रहा है। यह तो अनदेखी हो रही है। कामटेड़ा पंचायत के वार्ड पंच मंगऊ राम आचला ने बताया कि शिक्षक और भवन के बिना बच्चे किस प्रकार पढ़ाई कर रहे हैं, यह दुखद है। हमारी मांग है कि भवन और शिक्षक की व्यवस्था होनी चाहिए।शिक्षक जयंतु राम सर्फे ने कहा एक मात्र मैं ही स्कूल में शिक्षक हूं। तीनों कक्षाओं को पढ़ाना पड़ता है।
सभीकाल खंड को किस प्रकार मैनेज करता हंू मैं ही जानता हूं। भवन नहीं होने से पठन-पाठन में परेशानी हो रही है। इस संबंध में कोयलीबड़ा के बीईओ से संपर्क करने की कोशिश किया गया लेकिन बात नहीं हो पाई। अंचल के अधिकांश स्कूलों में इसी तरह से शिक्षण कार्य चल रहा है।