आंध्र और तेलंगाना के लीडर संभालते है संगठन
लगातार खुल रहे पुलिस कैंपों के खुलने के बाद वे दूसरे एरिया में जाने की स्थिति में नहीं है। आंध्र व तेलंगाना के लीडर संभालते हैं संगठन, स्थानीय लोगों से करते हैं भेदभाव अर्जुन का कहना है कि आध्रप्रदेश एवं तेलंगाना के बडे लीडरों के द्वारा माओवादी संगठन को चलाया जाता है। बस्तर के स्थानीय कैडरों के साथ हमेशा भेदभाव किया जाता है। उन्हें अच्छा काम करने पर भी आगे बढने नहीं दिया जाता है उन पर झूठा आरोप लगाकर पद से नीचे कर देते हैं।
लगातार खुल रहे पुलिस कैंपों के खुलने के बाद वे दूसरे एरिया में जाने की स्थिति में नहीं है। आंध्र व तेलंगाना के लीडर संभालते हैं संगठन, स्थानीय लोगों से करते हैं भेदभाव अर्जुन का कहना है कि आध्रप्रदेश एवं तेलंगाना के बडे लीडरों के द्वारा माओवादी संगठन को चलाया जाता है। बस्तर के स्थानीय कैडरों के साथ हमेशा भेदभाव किया जाता है। उन्हें अच्छा काम करने पर भी आगे बढने नहीं दिया जाता है उन पर झूठा आरोप लगाकर पद से नीचे कर देते हैं।
18 सालों से कर रहा था काम
पत्रवार्ता में एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने बताया कि मडकम अर्जुन 25 फरवरी को तोंडामरका से सरेंडर करने लिए निकाला था। वह आंधप्रदेश के भद्राचमल से होते हुए सुकमा आ रहा था तभी उसे पुलिस ने पकड़ लिया। अर्जुन से जानकारी उसके पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चली। एसपी ने बताया कि अर्जुन 1998 में माओवादियों के बाल संगठन में शामिल होकर 18 सालों से माओवादी संगठन के लिए काम कर रहा था।
पत्रवार्ता में एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने बताया कि मडकम अर्जुन 25 फरवरी को तोंडामरका से सरेंडर करने लिए निकाला था। वह आंधप्रदेश के भद्राचमल से होते हुए सुकमा आ रहा था तभी उसे पुलिस ने पकड़ लिया। अर्जुन से जानकारी उसके पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चली। एसपी ने बताया कि अर्जुन 1998 में माओवादियों के बाल संगठन में शामिल होकर 18 सालों से माओवादी संगठन के लिए काम कर रहा था।
माओवादी संगठन मदन्ना वर्तमान केरलापाल इंचार्ज कमेटी बाल संगठन में शामिल किया था। 18 वर्ष माओवादी संगठन के लिए काम करे हुए अर्जुन पंचायत, एरिया, डीव्हीसीएमएएवी, सीएनएम इंचार्ज के पदों तक पहुचा था। वही संगठन में 18 साल काम करने के कारण उसे उपर के कार्डर मिलना चाहिए था लेकिन माओवादियों की दोहरी मापदण्ड के कारण इसे माओवादी संगठन ने झूठे आरोप लगाए गए।