बीजापुर

छत्तीसगढ़: सरकार से बातचीत के लिए तैयार नक्सली, सामने रखी ये शर्तें

नक्सलियों ने राज्य सरकार से बातचीत का एक बड़ा ऑफर दिया है, लेकिन इसमें भी शर्तों की बड़ी फेहरिस्त जोड़ दी गई है। नक्सलियों की दण्डकारण्य जोनल कमेटी की ओर से प्रवक्ता विकल्प ने हस्ताक्षरित प्रेस नोट जारी किया है।

बीजापुरMay 07, 2022 / 07:35 am

CG Desk

बीजापुर। नक्सलियों ने राज्य सरकार को बातचीत का एक बड़ा ऑफर दिया है, लेकिन इसमें भी शर्तों की बड़ी फेहरिस्त जोड़ दी गई है। नक्सलियों की दण्डकारण्य जोनल कमेटी की ओर से प्रवक्ता विकल्प ने प्रेस नोट जारी किया है जिसमें राज्य सरकार से वार्ता की पेशकश है। इसके साथ ही नक्सलियों ने सरकार से वार्ता के लिए अनुकूल माहौल तैयार करने की भी अपील की है।

छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या बेहद पुरानी है। सरकारों ने समय-समय पर इससे निपटारे के लिए कई पहल किए है लेकिन इसका आज तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है। अक्सर नक्सलयों द्वारा दुर्गम इलाकों में पर्चियां फेकी जाती है, तो कभी आम ग्रामीणों के आड़ में नक्सली अपना आतंक स्थापित करने का प्रयास करते हैं।

नक्सली नेता विप्लव ने सरकार के समक्ष वार्ता के लिए शर्तें रखी है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल माओवादी पार्टी, PLGA और अन्य संगठनों पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटाएं और नक्सली ठिकाने पर होने वाले हवाई हमले बंद कराएं, साथ ही इसके जांच के आदेश दें की हमला किसके द्वारा किया गया। साथ ही बस्तर में स्थापित कैंप और फोर्स को जल्द से जल्द वापस लेने की भी नक्सली नेता ने अपील की। विप्लव ने कहा की वार्ता से पहले जेल में बंद नक्सली नेताओं को रिहा किया जाए और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस पहल को लेकर अपनी राय स्पष्ट करें।

सरकार की हमेशा से प्राथमिकता रही है की नक्सली मुख्य धारा से जुड़ें और सरकार से आकर मेज़ पर बात करें, अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए नक्सली आम ग्रामीणों को परेशान करना बंद करे। नक्सली भी हमेशा से ये आरोप लगाते रहे हैं की सरकार बातचीत के नाम पर उन्हें केवल ठग रही है। नक्सलियों को लेकर सरकार भी अभी तक कोई स्पष्ट नीति बनाने में नाकाम रही है। नक्सली होने के आरोप में आम ग्रामीणों को गिरफ्तार करने की भी घटनाएं अब आम हो गयी है। यही कारण है की ग्रामीण सरकार से ज्यादा नक्सलियों के पाले में रहते है।

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