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खुद कुपोषित है यहां का पोषण पुनर्वास केंद्र

locationबीजापुरPublished: Sep 02, 2018 04:12:19 pm

Submitted by:

Badal Dewangan

उधार का भवन भी जर्जर, बारिश ने बढ़ाई मुश्किलें, व्यवस्था हुई बेपटरी

बीजापुर. आवापल्ली स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र का भवन जर्जर हालात के चलते स्वयं कुपोषित नजर आने लगा है। पीएचसी परिसर में पोषण पुनर्वास केंद्र का संचालन साल भर से जिस भवन में किया जा रहा है उसकी छत और दीवारों में सीपेज आ गई है। नतीजन बारिश का पानी वार्ड की फर्श और दीवारों में रिस रहा है। पानी रिसने की वजह से दीवारों से सीलन की गंध भी आ रही है। परिस्थितियों के चलते स्टॉफ की दिक्कतें भी बढ़ी हुई हैं। दस बेड वाले पोषण पुनर्वास केंद्र में वर्तमान में पांच बेड ही उपलब्ध है। हालांकि वार्ड में दस बिस्तर के लिए पर्याप्त जगह हैं लेकिन टपकती छत और दीवारों से रिसता पानी से व्यवस्था बेपटरी है।

बाहर का पानी भी वार्ड के भीतर घुस जाता है
स्टॉफ नर्स के मुताबिक बीते एक माह से हो रही मूसलाधार बारिश से वार्ड बेहाल है। छत वाटरप्रूफ नहीं है और दीवारों से भी लगातार पानी रिसता है। इतना ही नहीं भवन की प्लिंथ की उंचाई भी इतनी कम है कि बारिश के दरम्यान बाहर का पानी भी वार्ड के भीतर घुस जाता है। वार्ड में भर्ती कुपोषित बच्चे व उनकी माताओं के लिए बिस्तर लगाए गए हैं बल्कि रसोई घर भी संलग्न है। ऐसे में जब मूसलाधार बारिश हो रही हो तो रसोईघर की बदहाली का साफ अंदाजा लगाया जा सकता है।

लेटबॉथ की सुविधा नहीं
आवापल्ली पीएचसी परिसर में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कुपोषित बच्चे और उनकी माताओं के लिए वार्ड में शौचालय व स्नानघर की सुविधा नहीं है। नित्य कर्म आदि के लिए पीएचसी में बने लेटबॉथ पर निर्भर होना पड़ता है। इससे होने वाली परेशानी को वार्ड स्टॉफ भी स्वीकारता है। वही भर्ती बच्चे और माताओं के साथ आए परिजन भी इसे तकलीफदेह बताते हैं।

यह है उद्देश्य
पोषण पुनर्वास केंद्र सुविधा आधारित इकाई है, जहां 5 वर्ष से कम व गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों जिनमें चिकित्सकीय जटिलताएं हो उन्हें चिकित्सकीय व पोषण सुविधाएं प्रदान की जाती है। इसके अलावा बच्चों के माताओं या अन्य देखभाल को बच्चों के समग्र विकास के लिए आवश्यक देखभाल की जाए।

कई बार शिकायत पर नतीजा नहीं निकला
स्टॉफ के मुताबिक एनआरसी का खुद का भवन नहीं है। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पीएचसी परिसर में बने भवन का इस्तेमाल हो रहा है। हालांकि बिल्डिंग की खस्तहाल अवस्था पर अफसरों का ध्यानाकर्षण अवश्य कराया गया है लेकिन नतीजा सिफर है।

मरम्मत के लिए संबंधित विभाग को पत्र लिखा जाएगा
सीएमएचओ डॉ बीआर पुजारी ने बताया कि, एनआरसी का संचालन अन्य विभाग के भवन में किया जा रहा है। हालांकि भवन की जर्जर अवस्था की जानकारी मिली है और बारिश में हो रही दिक्क्तों से विभाग को अवगत कराया गया है। मरम्मत के लिए संबंधित विभाग को पत्र लिखा जाएगा।

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