इन सब को लेकर सभी अधिकारियों- कर्मचारियों से चर्चा की जा रही है। नायक ने कहा कि माओवादियों के सफाए के लिए चलाई जा रही मुहिम रूकेगी नहीं और रणनीति में हालात के हिसाब से बदलाव किया जाएगा। परंतु रणनीति का खुलासा नहीं किया जाएगा और जहां तक किसी निर्दोष बताए जाने को लेकर हल्ला होता है तो ये अदालत पर निर्भर है क्योंकि पुलिस संपूर्ण सबूत पेश करती है। मुठभेड़ों के बाद कभी मानवाधिकारों के हनन की बात उठती है तो यह गलत सूचना का नतीजा होता है। उन्होंने कहा कि जनभागीदारी और सुरक्षा के साथ तरक्की हुई है। हालात में काफी सुधार भी आया है। यहां रोड और पुल- पुलिया बने हैं। इसके अलावा शिक्षा के क्षेत्र में भी विकास हुआ है।
डीजी ने कहा कि जो भी नक्सली पुर्नवास नीति से प्रभावित होकर या नक्सलियों की खोखली विचारधारा से त्रस्त होकर आत्मसमर्पण करना चाहता है हम उनका स्वागत करते हैं। उन्हें भरोसा दिलातें हैं कि उनके खिलाफ कोई भी हिंसात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। बल्कि उन्हें सम्मान दिया जाएगा। अब तक नक्सल विरोधी अभियान पर काम किया जा रहा था वह जारी रहेगा। इस दौरान डीआइजी पी सुंदरराज, डीआइजी सीआरपी आलोक अवस्थी और बीजापुर एसपी गोवर्धन ठाकुर, एएसपी दिव्यांग पटेल मौजूद थे।