सादिक ने कहा कि मुस्लिम अपने भले के लिए खुद फैसला लेंगे। उन्होंने कहा कि यदि मैं 300 बार भी ट्रिपल तलाक कहूं तो भी तलाक नहीं होगा। हर तलाक शब्द के बीच एक महीने का अंतर होना चाहिए। अपेक्षा की जाती कि इस दौरान पति और पत्नी के बीच मतभेद दूर हो जाएं। मौलाना सादिक ने यूपी के बिजनौर में एक प्रेसवार्ता में यह बात कही।
दो दिन पहले ही मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने दावा किया था कि मुस्लिम समाज में तलाक की दर कम है। शरियत और ट्रिपल तलाक के समर्थन में देश से उन तक 3.5 करोड़ से ज्यादा फार्म पहुंचे हैं।
मूल अधिकारों का उल्लंघन: केंद्र केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में ट्रिपल तलाक, निकाह हालाला और बहुविवाह को मुस्लिम महिलाओं की गरिमापूर्ण जीवन और समानता के मूल अधिकारों के खिलाफ बताया है।