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मुस्लिम ने ही उतरवाई मस्जिद से लाउड स्पीकर, अब माइक से नहीं हो रही अजान

locationबिजनोरPublished: Dec 14, 2017 04:52:28 pm

Submitted by:

Iftekhar

उतर वाए गए मंदिर और मस्जिद से लाउड स्पीकर, पुलिस तैनात

mosque

बिजनौर। उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा बिजनौर के गांव शाहअलीपुर उर्फ मदनपुर में ध्वनि प्रदूषण कंट्रोल एक्ट के तहत दोनों धार्मिक स्थलों से लाउड स्पीकर उतारने के आदेश के बाद गांव में आज पहले दिन अजान और आरती दोनों ही बिना लाउ डस्पीकर के हुई है। इससे गांव में नमाज पढ़ने वाले और आरती में शामिल होने वाले दोनों ही पक्ष मायूस दिखाई दिए । कुछ लोगों की बिना लाउड स्पीकर के अजान की वजह से नमाज छूट गई ,क्योकि लाउ डस्पीकर पर अजान सुनकर ही उन्हें मस्जिद में नमाज पढ़ने जाने की आदत थी। वही हिन्दू समुदाय के लोग भी मायूस नजर आए। उनका भी कहना था कि बिना लाउड स्पीकर के आरती तो हुई लेकिन वो रौनक नहीं आई जो रोज आती थी। आज तो ऐसे लगा, जैसे बिना संगीत के कोई गीत गाया हो।

temple
आपको बता दे कि बुधवार को एक जनहित याचिका की सुनवाई के बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय की खण्ड पीठ ने बिजनौर के गांव शाहलीपुर उर्फ मदनपुर में मन्दिर और मस्जिद पर लगे लाउड स्पीकर ध्वनि प्रदूषण कंट्रोल एक्ट के तहत उतारने के आदेश दिए थे। इसमें जनहित याचिका द्वारा काफी तेज आवाज से लाउड स्पीकर बजाने की शिकायत की गई थी । इसके बाद अदालत ने बिजनौर प्रशासन से गांव में लगे दोनों लाउड स्पीकर की अनुमति होने की रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन प्रशासन द्वारा किसी भी पक्ष के पास अनुमति नहीं होने की रिपोर्ट के बाद अदालत ने प्रशासन को लाउड स्पीकर उतारने के आदेश दिए थे। इस आदेश पर अमल करते हुए बुधवार को प्रशासन के अधिकारी बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स लेकर गांव पहुंचे थे और दोनों पक्षों को कोर्ट के आदेश से अवगत कराते हुए अपनी मौजूदगी में मंदिर और मस्जिद दोनों ही जगह से लाउड स्पीकर उतरवा दिए थे ।
 

लाउड स्पीकर उतरने के बाद गुरुवार को गांव में पहली बार बिना लाउ डस्पीकर के अजान हुई और बिना ही लाउड स्पीकर के गांव में आरती संपन्न की गई । इससे दोनों ही पक्षों के लोगों में मायूसी दिखी। मुस्लिम पक्ष के मोहमद शमी और अन्य लोगों का कहना है कि बिना लाउड स्पीकर के उन्हें पता ही नहीं लगा कि अजान कब हो गई और वह सोते ही रह गए। उन्होंने बताया कि जिन लोगों के पास घड़ी थी, वह तो मस्जिद चले गए । लेकिन, जिनके पास घड़ी नहीं थी, वह सोते ही रह गए । इसी तरह हिन्दू पक्ष के बुद्धसेन और अन्य लोगों का भी यही कहना है कि आरती तो हुई मंदिर में, लेकिन आरती होने का पता नहीं लगा। इसलिए काफी लोग आरती में भाग नहीं ले सके और आज आरती ऐसे हुई जैसे बिना संगीत के गीत गाया हो। फिलहाल गांव में शांति है, लेकिन एहतिआत के तौर पर गांव में पुलिस तैनात है और स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

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